रिलायंस मनी ने एक नयी निवेश योजना शुरू की है। ‘रिलायंस माई गोल्ड प्लान’ नाम की इस योजना के तहत निवेशक केवल 1,000 प्रति माह की राशि के साथ अपना निवेश शुरू कर सकते हैं।
रिलायंस मनी इस योजना में निवेशकों की राशि से दैनिक आधार पर सोना खरीदेगी।
निवेशकों को योजना अवधि पूरी होने पर अपना निवेश सोने के सिक्के और आभूषण के रूप में लेने का विकल्प रहेगा। वल्र्ड गोल्ड काउंसिल इस योजना में विपणन भागीदार के रूप में सहयोगी भूमिका निभा रहा है। इस योजना के जरिये कंपनी सोने के असंगठित बाजार को अपनी ओर खींचने की कोशिश कर रही है, जो देश में सोने की कुल बिक्री में 75% योगदान करता है। देश में सोने का यह असंगठित बाजार करीब 2,000 अरब रुपये का है।
एलआईसी की निवेश सीमा में इजाफा
वित्त मंत्रालय ने भारत की सबसे बड़ी जीवन बीमा कंपनी भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) की ओर से किसी अन्य कंपनी में निवेश की सीमा को बढ़ा दिया है। पहले यह सीमा 10% जिसे वित्त मंत्रालय ने बढ़ा कर 30% कर दिया है। भारत में इक्विटी निवेश के मामले में एलआईसी अग्रणी स्थिति में है। यह प्रति वर्ष इक्विटी में 50,000-60,000 करोड़ रुपये का निवेश करती है। अब नये नियम के तहत वह सार्वजनिक कंपनियों में अधिक इक्विटी हासिल कर सकेगी।
लेकिन बीमा क्षेत्र का नियामक आईआरडीए सरकार के इस फैसले के विरोध में है। आईआरडीए के मुताबिक निजी बीमा कंपनियों के लिए तय नियम एलआईसी पर भी लागू होने चाहिए। इसलिए उसका मानना है कि एलआईसी को किसी भी कंपनी में 10% से ज्यादा निवेश की मंजूरी देना सही नहीं है।
जानकारों का कहना है कि सरकार ने यह कदम इस वित्त वर्ष के 30,000 करोड़ रुपये के विनिवेश लक्ष्य को हासिल करने के लिए उठाया है। इस फैसले के बाद एलआईसी सरकार की विनिवेश प्रक्रिया में शामिल कंपनियों में ज्यादा निवेश कर सकेगी। गौरतलब है कि हाल में हिंदुस्तान कॉपर के ऑफर फॉर सेल में अन्य बड़े निवेशकों की ओर से अच्छी प्रतिक्रिया नहीं मिलने के बाद एलआईसी ने इसका बेड़ा पार लगाने में मुख्य भूमिका निभायी। इससे पहले ओएनजीसी में विनिवेश भी एलआईसी के भरोसे ही संभव हो सका था।
(निवेश मंथन, दिसबंर 2012)