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चुनी हुई खास सावधि बीमा और स्वास्थ्य बीमा योजनाएँ

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Category: मार्च 2017

चाहे सावधि बीमा (टर्म प्लान) हो या पारंपरिक बीमा या यूलिप, सभी तरह के जीवन बीमा प्रीमियम पर धारा 80सी के तहत कर छूट मिलती है।

पॉलिसी बाजार की जीवन बीमा प्रमुख संतोष अग्रवाल कहती हैं, %हालाँकि किसी भी तरह के बीमा उत्पाद के साथ कर संबंधी लाभ मिल जाते हैं, पर किसी को यह नहीं भूलना चाहिए कि इसका मुख्य उद्देश्य शुद्ध रूप से सुरक्षा उपलब्ध कराना है।
बीमा योजनाएँ आपकी जरूरतों और वित्तीय लक्ष्यों के मुताबिक चुनी जानी चाहिए, ताकि वे आपकी वित्तीय सुरक्षा में ज्यादा योगदान कर सकें। ये उत्पाद इस तरह से तैयार किये गये हैं, जिससे आपकी वित्तीय चिंताओं पर पूर्ण विराम लग सके और कोई वित्तीय संकट आने पर आपके प्रियजनों को अपने तात्कालिक खर्च पूरे करने में मदद मिल सके।"
अग्रवाल के मुताबिक जीवन बीमा योजनाओं को कंपनी के दावा निपटान अनुपात और अतिरिक्त राइडरों, जैसे दुर्घटना मृत्यु एवं विकलांगता आदि पैमानों पर परखना चाहिए। उन्होंने अपनी सबसे पसंदीदा सावधि बीमा योजनाओं की सूची में आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल लाइफ इंश्योरेंस के आईप्रोटेक्ट स्मार्ट, एचडीएफसी लाइफ इंश्योरेंस के क्लिक 2 प्रोटेक्ट प्लस, मैक्स लाइफ इंश्योरेंस के ऑनलाइन टर्म प्लान प्लस, एगॉन लाइफ इंश्योरेंस के आईटर्म और पीएनबी मेटलाइफ के मेरा टर्म प्लान को रखा है।
वहीं बजाज कैपिटल के प्रोडक्ट हेड (लाइफ इंश्योरेंस) कुशाग्र निगम के मुताबिक दावा निपटान अनुपात (क्लेम सेट्लमेंट रेश्यो) और विभिन्न खासियतों के आधार पर बिड़ला प्रोटेक्टर प्लस, कोटक लाइफ प्रेफर्ड टर्म, एचडीएफसी लाइफ क्लिक टू प्रोटेक्ट प्लस, आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल लाइफ आईप्रोटेक्ट स्मार्ट, टाटा संपूर्ण रक्षा, एक्साइड स्मार्ट टर्म और टाटा संपूर्ण रक्षा प्लस ऐसी कुछ खास सावधि जमा योजनाएँ हैं, जिनमें से अपनी जरूरत और पसंद के हिसाब से चुनाव किया जा सकता है।
इनमें ऑनलाइन और ऑफलाइन पॉलिसी के विकल्प मौजूद हैं। ऑनलाइन पॉलिसी जिस बीमा कंपनी की है, केवल उसी की वेबसाइट पर उपलब्ध होती है और कुछ सस्ती पड़ती है। लेकिन यदि किसी वितरक या सलाहकार की मदद से आप पॉलिसी लेते हैं, तो आपको ऑफलाइन पॉलिसी मिलती है।
बजाज कैपिटल के साधारण बीमा प्रमुख शीनू सहगल सिग्ना टीटीके, मैक्स बूपा, अपोलो म्यूनिख और रेलिगेयर की स्वास्थ्य बीमा योजनाओं को सबसे बेहतर मानते हैं। उनके मुताबिक किसी स्वास्थ्य बीमा योजना की तुलना करने के 10 से ज्यादा पैमाने होते हैं।
सबसे पहले तो आपको यह देखना चाहिए कि रूम रेंट या आईसीयू की सीमा है या नहीं। सिग्ना टीटीके, मैक्स बूपा और अपोलो म्युनिख की स्वास्थ्य बीमा योजनाओं में इनकी कोई सीमा नहीं है। रेलिगेयर में 5 लाख रुपये के स्वास्थ्य बीमा पर इनकी सीमा नहीं है (सिंगल प्राइवेट रूम के लिए), पर इससे कम के स्वास्थ्य बीमा में सीमा लगी हुई है।
सहगल बताते हैं कि इसके बाद प्रति बीमारी कोई खर्च सीमा के बारे में जान लेना चाहिए। साथ ही को-पेमेंट की शर्त भी नहीं होनी चाहिए, जिसमें बीमाधारक को अस्पताल के खर्च का एक तय प्रतिशत हिस्सा खुद वहन करना पड़ता है। जैसे, रेलिगेयर की योजना में यह शर्त है कि 60 वर्ष से अधिक आयु का व्यक्ति यदि दावा (क्लेम) करे तो उसे 20% पैसा कट कर भुगतान मिलेगा।
सिग्ना टीटीके की योजना में 65 वर्ष से अधिक आयु के व्यक्ति के दावे पर 20% को-पेमेंट है। मगर मैक्स और अपोलो की योजना में ऐसी शर्त नहीं है। यह भी देखना चाहिए कि क्लेम लोडिंग न हो, यानी किसी साल दावा करने के बाद अगले साल प्रीमियम बढ़ नहीं जाये। सहगल के मुताबिक इन चारों कंपनियों की योजनाओं में क्लेम लोडिंग नहीं है। साथ ही इनका दावा निपटारा अनुपात भी काफी ऊँचा है।
सहगल अपनी इन चार चुनिंदा योजनाओं के बीच में से चुनाव के बारे में कहते हैं कि यह बीमा कराने वाले की अपनी आवश्यकताओं और पसंद पर निर्भर करता है। जो लोग कम प्रीमियम को सबसे तवज्जो देते हैं, वे इसके आधार पर चुन सकते हैं। जिन्हें ज्यादा सुविधाएँ चाहिए, वे उनके मुताबिक पसंद कर सकते हैं। प्रीमियम और सहूलियतों की तुलना करके लोग अपना चुनाव कर सकते हैं।
जो लोग नो क्लेम बोनस (एनसीबी) ज्यादा चाहते हैं, वे रेलिगेयर की योजना ले सकते हैं, क्योंकि उसमें पहले और दूसरे साल के बाद 60-60% और उसके बाद के तीन वर्षों में 10-10% एनसीबी है, यानी पाँच साल में इसका एनसीबी 150% पर पहुँच जाता है।
दूसरी ओर मैक्स के हेल्थ कंपैनियन में एनसीबी सालाना 20-20% बढ़ता है और अधिकतम 100% रहता है। पर मैक्स के एनसीबी में यह फायदा है कि किसी एक साल में दावा (क्लेम) होने पर अगले साल एनसीबी घटेगा नहीं, जबकि रेलिगेयर में इसको एक चरण नीचे कर दिया जाता है।
अगर किसी के लिए अस्पताल में भर्ती होने से पहले और बाद में कितने दिनों तक बीमा सुरक्षा मिलती है, यह पहलू ज्यादा महत्वपूर्ण हो तो इस मामले में सिग्ना टीटीके और अपोलो म्युनिख बेहतर नजर आते हैं। कई बीमारियों में अस्पताल से छुट्टी मिलने के बाद भी लंबे समय तक डॉक्टर से नियमित जाँच और दवाएँ चलती रहती हैं। ऐसे में भर्ती होने से पहले और बाद में इलाज जारी रहने पर कितने दिनों तक की बीमा सुरक्षा मिल रही है, यह काफी महत्वपूर्ण हो जाता है। यह एक तरह से ओपीडी खर्च के भुगतान की ही सुविधा है, पर उसी बीमारी के लिए, जिसके लिए अस्पताल में भर्ती होना पड़ा हो।
इन चारों योजनाओं में सिग्ना टीटीके की खासियत यह है कि इसमें पूरे विश्व में बीमा सुरक्षा मिलती है, जो अन्य तीनों योजनाओं में नहीं है। अगर आप विदेश यात्रा पर गये हों और आपात स्थिति में अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत पड़े तो पूरी बीमा राशि तक इलाज का खर्च बीमा कंपनी देगी, हालाँकि इसमें बीमा वर्ष में केवल एक बार की सीमा है।
सहगल बताते हैं कि सिग्ना टीटीके की योजना में सालाना 2000 रुपये तक ओपीडी के खर्चों का भुगतान भी दिया जाता है, यानी जुकाम और खांसी जैसी बीमारियों की दवाओं का खर्च भी इसमें आ जाता है। इसके लिए अस्पताल में भर्ती होने की शर्त नहीं रहती। यह सुविधा अन्य तीनों योजनाओं में नहीं है। सहगल कहते हैं कि इतना ओपीडी खर्च तो अमूमन हो ही जाता है। अगर ये 2,000 रुपये वापस मिलने को ध्यान में रखें तो सिग्ना टीटीके का प्रीमियम सबसे सस्ता बैठता है।
इसके बाद रीचार्ज, रीफिल या रीस्टोरेशन नाम से दी जाने वाली सुविधा देखनी चाहिए। इसका मतलब यह है कि अगर आपकी पॉलिसी पाँच लाख रुपये की हो और साल के दौरान पूरी राशि या उसमें से कुछ हिस्सा खर्च हो जायें तो बिना किसी अतिरिक्त प्रीमियम के कंपनी आपकी बीमा सुरक्षा फिर से पाँच लाख रुपये कर देती है। पर उसमें शर्त यही है कि इस अतिरिक्त बीमा राशि का उपयोग उसी बीमारी के इलाज में नहीं हो सकता, जिसमें पहले दावा भुगतान लिया जा चुका है। मगर किसी और बीमारी के इलाज के लिए पाँच लाख रुपये की पूरी बीमा राशि उपलब्ध रहेगी।
पॉलिसी बाजार के स्वास्थ्य बीमा प्रमुख ध्रुव सरीन कहते हैं कि रूम रेंट, नो क्लेम बोनस, मौजूदा बीमारियों के लिए सुरक्षा, रीस्टोरेशन यानी बीमा राशि खर्च हो जाने के बाद फिर से बीमा सुरक्षा उपलब्ध कराने, को-पेमेंट यानी कितना भुगतान बीमाधारक को स्वयं करना पड़ सकता है, डे-केयर ईलाज की अनुमति, स्वास्थ्य जाँच, एंबुलेंस खर्च जैसे विभिन्न पहलुओं को देखने के बाद स्वास्थ्य बीमा का चुनाव करना चाहिए।
इन सारे पहलुओं को ध्यान में रखते हुए सरीन ने व्यक्तिगत स्वास्थ्य बीमा के लिए रेलिगेयर हेल्थ इंश्योरेंस के केयर विद अनलिमिटेड रीचार्ज, मैक्स बूपा के हेल्थ कंपैनियन, अपोलो म्यूनिख के ऑप्टिमा रीस्टोर, रॉयल सुंदरम के लाइफ लाइन सुप्रीम और सिग्ना टीटीके के प्रो हेल्थ प्लस को अपनी पसंदीदा योजनाओं के तौर पर चुना है।
साथ ही उनका यह भी कहना है कि इस समय स्वास्थ्य बीमा के बाजार में व्यक्तिगत बीमा के बदले फेमिली फ्लोटर योजनाओं का ही बोलबाला है। फेमिली फ्लोटर में व्यक्तिगत पॉलिसी से थोड़े अधिक प्रीमियम में वही सुरक्षा परिवार के बाकी सदस्यों को भी मिल जाती है। पॉलिसी बाजार की सलाह है कि लोगों को व्यक्तिगत के बदले फेमिली फ्लोटर योजनाओं पर गौर करना चाहिए। सरीन ने फेमिली फ्लोटर योजनाओं में रेलिगेयर हेल्थ इंश्योरेंस के केयर विद अनलिमिटेड रीचार्ज, स्टार हेल्थ इंश्योरेंस के हेल्थ ऑप्टिमा, अपोलो म्यूनिख के ऑप्टिमा रीस्टोर, रॉयल सुंदरम के लाइफ लाइन सुप्रीम और एचडीएफसी एर्गो के हेल्थ सुरक्षा सिल्वर (रीगेन और ईसीबी के साथ) को अपनी पसंदीदा योजनाओं की सूची में रखा है।
(निवेश मंथन, मार्च 2017)

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