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साल 2017 के लिए चुनिंदा शेयर

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Category: जनवरी 2017

मोतीलाल ओसवाल सिक्योरिटीज ने नये साल के लिए पाँच खास नाम चुने हैं, जो दे सकते हैं अच्छा फायदा।

टाटा मोटर्स (471 रु. - 30.12.16)
वित्त वर्ष 2016-17 से 2018-19 के दौरान जेएलआर की बिक्री की मात्रा में लगभग 12.5% और आमदनी में 15% वार्षिक चक्रवृद्धि दर (सीएजीआर) से बढ़त होने की उम्मीद है, जिसमें लगातार नये वाहन बाजार में उतारने का योगदान होगा। इसके साथ कंपनी के उत्पादों का मिश्रण बेहतर होने और विदेशी मुद्रा का पूरा लाभ मिलने से कंपनी की आमदनी में तेजी आयेगी। मोतीलाल ओसवाल सिक्योरिटीज (एमओएसएल) का मानना है कि जेएलआर का एबिटा मार्जिन 2016-17 की दूसरी तिमाही के 10.3% से बढ़ कर 2018-19 तक लगभग 17% पर पहुँच जायेगा। इसमें विदेशी मुद्रा लाभ, उत्पाद-मिश्रण सुधरने, मॉड्यूलर प्लेटफॉर्म का लाभ मिलने और कामकाजी दक्षता का योगदान होगा। इन बातों के मद्देनजर एमओएसएल ने टाटा मोटर्स को 610 रुपये के लक्ष्य के साथ खरीदने की सलाह दी है।
आईसीआईसीआई बैंक (255 रु. - 30.12.16)
एमओएसएल के मुताबिक लगभग 13% टियर-1 पूँजी के साथ आईसीआईसीआई बैंक का पूँजीकरण मजबूत है। इसके खातों में खुदरा और एसएमई का योगदान सुधर कर 52% हो गया है। देनदारियों यानी जमा में कासा अनुपात सुधर कर 40% हो गया है, जिससे बैंक को अपनी मुख्य आय पर ज्यादा असर डाले बिना कम जोखिम वाला कारोबार विकसित करने में मदद मिल रही है। बैंक की संपदा गुणवत्ता के बारे में एमओएसएल का कहना है कि नये वितरणों में ए और इससे ऊँची रेटिंग वाली कंपनियों को ज्यादा अनुपात में ऋण दिये जाने और बही-खाते के वास्तविक दबाव की पहचान किर लिये जाने के चलते संपदा गुणवत्ता से जुड़ी चिंताएँ 2016-17 में कम होंगी। इस ब्रोकिंग फर्म ने आईसीआईसीआई बैंक का शेयर खरीदने की सलाह दी है और 337 रुपये का लक्ष्य रखा है।
कैनफिन होम्स (1581 रु. - 30.12.16)
दक्षिण भारत में स्थित कैनफिन होम्स भारत की छठी सबसे बड़ी हाउसिंग फाइनेंस कंपनी है। इसे 1987 में केनरा बैंक ने 43.5% हिस्सेदारी के साथ प्रवर्तित किया था। इसका व्यवसाय पहली और दूसरी श्रेणी के शहरों में ज्यादा फैला है। एमओएसएल के मुताबिक एनसीडी/सीपी/लोगों के जमा आदि से कम लागत वाली पूँजी की हिस्सेदारी 2015-16 के 35% से बढ़ कर 2017-18 तक 60% हो जाने की उम्मीद है। इससे कैनफिन का स्प्रेड 2015-16 के 2.23% से बढ़ कर 2.9% हो जा सकता है। कंपनी ने साल 2020 तक अपना ऋण-खाता 35,000 करोड़ रुपये पर पहुँचाने का लक्ष्य रखा है। यह लक्ष्य ऋण-खाते में 33% की वार्षिक चक्रवृद्धि दर को दर्शाता है, जो समकक्ष कंपनियों की 20-22% वृद्धि दर से ज्यादा है। एमओएसएल का अपना आकलन है कि कैनफिन के ऋण-खाते में 2015-16 से 2017-18 के दौरान 28% सीएजीआर की बढ़त होगी। इसने 2260 रुपये के लक्ष्य के साथ इसका शेयर खरीदने की सलाह दी है।
स्टर्लिंग टूल्स (931 रु. - 30.12.16)
स्टर्लिंग टूल्स (एसटीएल) भारत में फास्टनर्स की सबसे बड़ी उत्पादक कंपनियों में से एक है, जिसकी बाजार हिस्सेदारी लगभग 28% है। यह होंडा मोटरसाइकल स्कूटर इंडिया (एचएमएसआई) और मारुति सुजुकी को हाई टेंसाइल फास्टनर की आपूर्ति करती है। एसटीएल के तीन प्लांट अभी 70-75% क्षमता पर काम कर रहे हैं। कंपनी ने गुजरात में एक नये संयंत्र के लिए पहले चरण का विस्तार का काम शुरू कर लिया है। इस परियोजना पर 50 करोड़ रुपये का पूँजीगत खर्च होगा और सितंबर 2017 में इसके चालू होने की उम्मीद है।
एमओएसएल के मुताबिक अच्छे मॉनसून, सातवें वेतन आयोग की सिफारिशें लागू होने, जीएसटी लागू होने और ओईएम की ओर से स्थानीय खरीद पर जोर देने से एसटीएल के लिए वृद्धि की अच्छी संभावनाएँ हैं। एमओएसएल का आकलन है कि यह कंपनी 2015-16 से 2017-18 के दौरान प्रति शेयर आय में 20% की औसत वृद्धि दिखा सकेगी। इसने 2017-18 की अनुमानित ईपीएस पर 20 पीई अनुपात के आधार पर इसका लक्ष्य भाव 1,207 रुपये बताया है और इसे खरीदने की सलाह दी है।
एपीएल अपोलो ट्यूब्स (914 रु. - 30.12.16)
एपीएल अपोलो ट्यूब्स भारत में इलेक्ट्रिक रेजिस्टेंट वेल्डेड (ईआरडब्लू) पाइप की सबसे बड़ी उत्पादक कंपनी है। लगभग 300 अरब रुपये के इस बाजार में कंपनी की हिस्सेदारी लगभग 15% है। अपने बाजार में यह टाटा स्टील, डीपी जिंदल समूह और सूर्या रोशनी जैसी कंपनियों से आगे है। एमओएसएल ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि ईआरडब्लू पाइप का बाजार 2015-16 से 2018-19 के दौरान लगभग 9% वार्षिक चक्रवृद्धि दर से बढऩे की उम्मीद है। इसमें अधिकांश वृद्धि निर्माण (कंस्ट्रक्शन) और बुनियादी ढाँचा (हवाई अड्डे, मॉल और प्रीफैब्रिकेटेड स्ट्रक्चर आदि) श्रेणियों से आने वाली है। इसके बाद पारपंरिक उपयोगों, जैसे जल वितरण, सीवेज और तेल-गैस आदि से आने वाली माँग है।
पिछले पाँच वर्षों में अपनी क्षमताओं का विस्तार करते हुए एपीएल ने बाजार हिस्सेदारी बढ़ायी है। अब यह अपनी क्षमता और बढ़ाते हुए 2017-18 की पहली तिमाही तक 20 लाख टन की क्षमता हासिल कर लेगी। एमओएसएल ने 2017-18 में इसकी प्रति शेयर आय (ईपीएस) 83.2 रुपये रहने का अनुमान लगाया है और इस पर 15 पीई के आधार पर 1,248 रुपये का लक्ष्य भाव बताया है।
(निवेश मंथन, जनवरी 2017)

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