Nivesh Manthan
Menu
  • Home
  • About Us
  • ई-पत्रिका
  • Blog
  • Home/
  • 2017/
  • मार्च 2017/
  • टॉरस के डेब्ट निवेशकों को एक दिन में 12% नुकसान
Follow @niveshmanthan

मोदी पर नहीं, नकदी के दम पर चल रहा है बाजार

Details
Category: दिसंबर 2013

जगन्नादम तुनुगुंतला, रिसर्च प्रमुख, एसएमसी ग्लोबल:

बाजार को प्रभावित करने वाले विभिन्न कारक निकट भविष्य में कैसे रहने वाले हैं और इनका भारतीय बाजारों पर कितना असर पड़ने की संभावना है?

जहाँ तक बाजार को प्रभावित करने वाले विभिन्न कारकों का सवाल है, महँगाई अपने उच्चतम स्तरों के आसपास बनी हुई है। ऐसे में भारतीय रिजर्व बैंक के पास ब्याज दरों में बदलाव करने की अधिक गुंजाइश नहीं बचती।
घरेलू मोर्चे पर बाकी सारे कारक फिलहाल भारतीय बाजारों पर प्रभाव के लिहाज से अधिक मायने नहीं रखते। अभी देखने वाली बात यह होगी कि फेडरल रिजर्व की ओर से टैपरिंग कब की जाती है। फिलहाल जो अकेला कारक बाजार को दिशा देगा वह है फेडरल रिजर्व की ओर से संभावित टैपरिंग।
यदि फेडरल रिजर्व दिसंबर में ही टैपरिंग कर देता है तो क्या हमारे बाजारों पर इसका अधिक नकारात्मक असर पड़ेगा?
हाँ, निश्चित तौर पर।
क्या अब भी भारत विकास की राह पर है या इंडिया स्टोरी पर संकट के बादल हैं?
इंडिया स्टोरी के सामने निश्चित तौर पर चुनौतियाँ हैं। लेकिन केवल इसके समक्ष ही नहीं, बल्कि सभी उभरते बाजारों के सामने चुनौतियाँ हैं। वजह यह है कि इनमें से अधिकाँश बाजारों में काफी हद तक वैश्विक पूँजी लगी हुई है और अब इन बाजारों से वैश्विक पूँजी के वापस जाने के संकेत हैं। इंडिया स्टोरी के समक्ष कोई खास मसला नहीं है। असली समस्या नकदी की उपलब्धता से जुड़ी हुई है।
यह माना जा रहा है कि बाजार की मौजूदा तेजी के पीछे यह संभावना है कि नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में एनडीए की सरकार केंद्र में आ सकती है। आपकी इस पर क्या राय है?
बाजार को चलाने के लिए हमेशा कोई-न-कोई खबर आती रहती है। मैं इन राजनीतिक अटकलों को अधिक तवज्जो नहीं देता। बाजार नकदी के आधार पर चल रहा है।
चुनावों से पहले तक आप बाजार को किस दिशा में बढ़ता देख रहे हैं?
चुनावों से पहले तक इसी तरह के अनुमान वगैरह चलते रहेंगे। मैं फिर से कहूँगा कि बाजार की दिशा को तय करने में नकदी की उपलब्धता की भूमिका काफी महत्वपूर्ण रहने वाली है।
रुपये में एक बार फिर गिरावट का रुख है। ऐसे में शेयर बाजार पर आप इसका कितना असर पड़ता देख रहे हैं?
रुपये में अभी और गिरावट आ सकती है। ऐसे में इस बात की भी आशंका है कि रुपये की संभावित कमजोरी की वजह से भारतीय शेयर बाजार पर भी नकारात्मक असर पड़े।
बाजार में उतार-चढ़ाव अपने चरम पर है। निफ्टी दो दिनों में 190-200 अंक उछल जाता है, फिर अगले दो-तीन दिनों में यह सारी बढ़त गँवा देता है। इस माहौल में एक निवेशक को क्या करना चाहिए?
यह बाजार अभी निवेशक का बाजार नहीं है। इसमें काम करने का तरीका यही है कि निचले स्तरों पर खरीद कर ऊपरी स्तरों पर बेचा जाये। इसके अलावा चुनिंदा खरीदारी करनी पड़ेगी और निवेशक को स्मार्ट भी होना पड़ेगा। यह टेस्ट मैच वाला जमाना नहीं रह गया है, यह 20-20 वाला जमाना है।
(प्रस्तुति: आलोक द्विवेदी)
(निवेश मंथन, दिसंबर 2013)

  • सातवाँ वेतन आयोग कहीं खुशी, कहीं रोष
  • एचडीएफसी लाइफ बनेगी सबसे बड़ी निजी बीमा कंपनी
  • सेंसेक्स साल भर में होगा 33,000 पर
  • सर्वेक्षण की कार्यविधि
  • भारतीय अर्थव्यवस्था ही पहला पैमाना
  • उभरते बाजारों में भारत पहली पसंद
  • विश्व नयी आर्थिक व्यवस्था की ओर
  • मौजूदा स्तरों से ज्यादा गिरावट नहीं
  • जीएसटी पारित कराना सरकार के लिए चुनौती
  • निफ्टी 6000 तक जाने की आशंका
  • बाजार मजबूत, सेंसेक्स 33,000 की ओर
  • ब्याज दरें घटने पर तेज होगा विकास
  • आंतरिक कारक ही ला सकेंगे तेजी
  • गिरावट में करें 2-3 साल के लिए निवेश
  • ब्रेक्सिट से एफपीआई निवेश पर असर संभव
  • अस्थिरताओं के बीच सकारात्मक रुझान
  • भारतीय बाजार काफी मजबूत स्थिति में
  • बीत गया भारतीय बाजार का सबसे बुरा दौर
  • निकट भविष्य में रहेगी अस्थिरता
  • साल भर में सेंसेक्स 30,000 पर
  • निफ्टी का 12 महीने में शिखर 9,400 पर
  • ब्रेक्सिट का असर दो सालों तक पड़ेगा
  • 2016-17 में सुधार आने के स्पष्ट संकेत
  • चुनिंदा क्षेत्रों में तेजी आने की उम्मीद
  • सुधारों पर अमल से आयेगी तेजी
  • तेजी के अगले दौर की तैयारी में बाजार
  • ब्रेक्सिट से भारत बनेगा ज्यादा आकर्षक
  • सावधानी से चुनें क्षेत्र और शेयर
  • छोटी अवधि में बाजार धारणा नकारात्मक
  • निफ्टी 8400 के ऊपर जाने पर तेजी
  • ब्रेक्सिट का तत्काल कोई प्रभाव नहीं
  • निफ्टी अभी 8500-7800 के दायरे में
  • पूँजी मुड़ेगी सोना या यूएस ट्रेजरी की ओर
  • निफ्टी छू सकता है ऐतिहासिक शिखर
  • विकास दर की अच्छी संभावनाओं का लाभ
  • बेहद लंबी अवधि की तेजी का चक्र
  • मुद्रा बाजार की हलचल से चिंता
  • ब्रेक्सिट से भारत को होगा फायदा
  • निफ्टी साल भर में 9,200 के ऊपर
  • घरेलू बाजार आधारित दिग्गजों में करें निवेश
  • गिरावट पर खरीदारी की रणनीति
  • साल भर में 15% बढ़त की उम्मीद
  • भारतीय बाजार का मूल्यांकन ऊँचा
  • सेंसेक्स साल भर में 32,000 की ओर
  • भारतीय बाजार बड़ी तेजी की ओर
  • बाजार सकारात्मक, जारी रहेगा विदेशी निवेश
  • ब्रेक्सिट का परोक्ष असर होगा भारत पर
  • 3-4 साल के नजरिये से जमा करें शेयरों को
  • रुपये में कमजोरी का अल्पकालिक असर
  • साल भर में नया शिखर
7 Empire

अर्थव्यवस्था

  • भारत की विकास दर (जीडीपी वृद्धि दर) : भविष्य के अनुमान
  • भारत की विकास दर (जीडीपी वृद्धि दर) बीती तिमाहियों में
  • भारत की विकास दर (जीडीपी वृद्धि दर) बीते वर्षों में

बाजार के जानकारों से पूछें अपने सवाल

सोशल मीडिया पर

Additionaly, you are welcome to connect with us on the following Social Media sites.

  • Like us on Facebook
  • Follow us on Twitter
  • YouTube Channel
  • Connect on Linkedin

Download Magzine

    Overview
  • 2023
  • 2016
    • July 2016
    • February 2016
  • 2014
    • January

बातचीत

© 2025 Nivesh Manthan

  • About Us
  • Blog
  • Contact Us
Go Top