कारोबारी साल 2013-14 की पहली तिमाही में ऑयल ऐंड नेचुरल गैस कॉर्पोरेशन का मुनाफा घट कर 4,016 करोड़ रुपये हो गया है।
पिछले साल की समान अवधि में कंपनी को 6,078 करोड़ रुपये का मुनाफा हुआ था। इस तरह कंपनी के मुनाफे में 34% की गिरावट आयी है। इस दौरान कंपनी की कुल आय पिछले साल के 21,216 करोड़ रुपये के मुकाबले 3.35% घट कर 20,505 करोड़ रुपये रह गयी है।
इस दौरान कंपनी ने सरकारी तेल विपणन कंपनियों को 12,620 करोड़ रुपये बतौर सब्सिडी दिये हैं। एंजेल ब्रोकिंग का कहना है कि ओएनजीसी के नतीजे उम्मीद से कमजोर रहे हैं। हालाँकि ब्रोकिंग फर्म ने कंपनी ने शेयर में खरीदारी की सलाह कायम रखी है। इसका लक्ष्य भाव 352 रुपये रखा है।
एसबीआई के नतीजों पर दिखा भारी एनपीए का दबाव
अप्रैल-जून 2013 तिमाही में स्टेट बैंक ऑफ इंडिया का कंसोलिडेटेड मुनाफा 12% घटा है। इस दौरान बैंक का मुनाफा घट कर 4,299 करोड़ रुपये रहा है, जबकि बीते वर्ष की इसी तिमाही में यह 4,875 करोड़ रुपये रहा था। हालाँकि कारोबारी साल 2013-14 की पहली तिमाही में कंपनी की कुल आय 12% बढ़ कर 52,502 करोड़ रुपये रही है, जो कि पिछले साल की समान अवधि में 46,783 करोड़ रुपये रही थी। साल-दर-साल आधार पर अप्रैल-जून में एसबीआई का सकल एनपीए 4.99% से बढ़ कर 5.56% रहा। बैंक का सकल एनपीए 47,156 करोड़ रुपये से बढ़ कर 60,891 करोड़ रुपये रहे। सालाना आधार पर अप्रैल-जून में एसबीआई के शुद्ध एनपीए 2.22% से बढ़कर 2.83% रहे। बैंक के शुद्ध एनपीए 20,324 करोड़ रुपये से बढ़कर 29,989 करोड़ रुपये रहे। बैंक का कहना है कि खराब आर्थिक हालत की वजह से एनपीए बढ़ रहे हैं और पहली तिमाही में क्रेडिट ग्रोथ धीमी ही रहती है। बैंक ने बेहतर कासा रेश्यो बनाये रखा है। बैंक को पेंशन के लिए 7000 करोड़ रुपये की अतिरिक्त प्रावधान की जरूरत है।
एंजेल ब्रोकिंग के वीपी रिसर्च वैभव अग्रवाल का कहना है कि एसबीआई के नतीजे काफी खराब रहे हैं। मौजूदा आर्थिक मौहाल के चलते आगे भी बैंक के मुनाफे दबाव दिख सकता है और हमने बैंक के शेयर के बारे में अपनी रेटिंग उदासीन कायम रखी है।
हालाँकि ब्रोकिंग फर्म इंडिया निवेश सिक्योरिटीज का कहना है कि एसबीआई के नतीजे निराशाजनक रहे हैं। हालाँकि ब्रोकिंग फर्म की सलाह बैंक के शेयर को खरीदने की है। इसका लक्ष्य भाव 1,926 रुपये है।
टाटा स्टील का मुनाफा बढ़ा, आय घटी
यूरोपीय बाजार में शानदार प्रदर्शन से पहली तिमाही में टाटा स्टील के कंसोलिडेटेड . मुनाफे में 90.5% का इजाफा हुआ है। अप्रैल-जून 2013 की तिमाही में कंपनी को 1,139 करोड़ रुपये का मुनाफा हुआ, जबकि पिछले साल की समान अवधि में कंपनी को 598 करोड़ रुपये का मुनाफा हुआ था। लेकिन इस दौरान कंपनी की कुल आय 3.3% घट कर 32,988 करोड़ रुपये हो गयी है, जबकि बीते वर्ष की इसी तिमाही में 34,110 करोड़ रुपये रही थी।
ब्रोकिंग फर्म आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज ने इन नतीजों को अनुमानों से बेहतर बताया है। ब्रोकिंग फर्म ने कंपनी के शेयर में खरीदारी की सलाह कायम रखी है और इसका लक्ष्य भाव 285 रुपये रखा है।
सिप्ला के नतीजे उमीद से बेहतर
अप्रैल-जून 2013 तिमाही में सिप्ला का कंसोलिडेटेड मुनाफा बढ़ कर 485 करोड़ रुपये हो गया है। पिछले साल की समान अवधि में कंपनी को 440 करोड़ रुपये का मुनाफा हुआ था। इस तरह कंपनी के मुनाफे में 10% की बढ़ोतरी दर्ज हुई है।
कारोबारी साल 2013-14 तिमाही में कंपनी की कुल आय 26% बढ़ कर 2,555 करोड़ रुपये रही है, जबकि बीते वर्ष की इसी तिमाही में यह 2,024 करोड़ रुपये दर्ज हुई थी। इस दौरान कंपनी की शुद्ध बिक्री 19.5% बढ़ कर 2,308 करोड़ रुपये पर पहुँच गयी है, जबकि पिछले साल की समान अवधि में कंपनी की बिक्री 1,932 करोड़ रुपये रही थी। सालाना आधार पर अप्रैल-जून तिमाही में कंपनी का एबिडा 508 करोड़ रुपये से बढ़ कर 512 करोड़ रुपये रहा।
ब्रोकिंग फर्म कॉर्वी स्टॉक का कहना है कि सिप्ला के नतीजे उम्मीद से कहीं बेहतर रहे हैं। ब्रोकिंग फर्म की सलाह कंपनी के शेयर को खरीदने की है। कार्वी ने इसका लक्ष्य भाव 459 रुपये रखा है।
हिंडाल्को के मुनाफे में इजाफा
साल 2013-14 की पहली तिमाही में हिंडाल्को इंडस्ट्रीज का मुनाफा 12% बढ़ कर 474 करोड़ रुपये रहा। बीते वर्ष की इसी तिमाही में यह 425 करोड़ रुपये था।
अप्रैल-जून 2013 तिमाही में कंपनी की कुल आय 1% घट कर 6,266 करोड़ रुपये हो गयी है, जबकि पिछले साल की समान अवधि में यह 6,329 करोड़ रुपये दर्ज हुई थी। कंपनी का कहना है कि एलएमई पर कीमतों पर दबाव आने का उसके नतीजों पर असर दिखा है।
इसके साथ ही ईंधन पर खर्चा बढऩे से भी दबाव आया है। इस दौरान कंपनी अन्य आय 428 करोड़ रुपये हो गयी है, जबकि पिछले साल की समान अवधि में कंपनी की अन्य आय 31 करोड़ रुपये रही थी। सालाना आधार पर इस तिमाही में कंपनी का एबिडा 399.3 करोड़ रुपये से बढ़ कर 47 करोड़ रुपये हो गया है। वहीं कंपनी का एबिडा मार्जिन 6.7% से बढ़ कर 7% हो गया है।
एंजेल ब्रोकिंग का कहना है कि हिंडाल्को इंडस्ट्रीज के नतीजे अनुमान से कमजोर रहे हैं। ब्रोकिंग फर्म ने कंपनी के शेयर के बारे में अपना रुख उदासीन रखा है।
मुनाफे से घाटे में आयी टाटा पावर
कारोबारी साल 2013-14 की पहली तिमाही में टाटा पावर को 115 करोड़ रुपये का कंसोलिडेटेड घाटा हुआ है। पिछले साल की समान अवधि में कंपनी को 146 करोड़ रुपये का मुनाफा हुआ था। हालाँकि, अप्रैल-जून 2013 तिमाही में कंपनी की कुल आय 25% बढ़ कर 9,112 करोड़ रुपये हो गयी है, जबकि बीते वर्ष की इसी तिमाही में यह 7,316 करोड़ रुपये दर्ज हुई थी।
एचडीएफसी सिक्योरिटीज का कहना है कि टाटा पावर के नतीजे अनुमान के कमजोर रहे हैं। हालाँकि ब्रोकिंग फर्म ने कंपनी के शेयर में खरीदारी की सलाह दी है और इसका लक्ष्य भाव 83 रुपये दिया है।
एमऐंडएम के मुनाफे पर दिखा ट्रैक्टरों की अच्छी बिक्री का दम
अप्रैल-जून 2013 तिमाही में महिंद्रा ऐंड महिंद्रा का मुनाफा 29% बढ़ा है। इस दौरान कंपनी का मुनाफा बढ़ कर 938 करोड़ रुपये हो गया है, जो कि पिछले साल की समान अवधि में 726 करोड़ रुपये रहा था। कारोबारी साल 2013-14 की पहली तिमाही मे कंपनी की कुल आय 8% बढ़ कर 10,187 करोड़ रुपये रही है, जो कि बीते वर्ष की इसी तिमाही में 9,427 करोड़ रुपये दर्ज हुई थी।
इस दौरान कंपनी की शुद्ध बिक्री 7% बढ़ कर 9,906 करोड़ रुपये रही है, जबकि पिछले साल की समान अवधि में यह 9,248 करोड़ रुपये रही थी। कंपनी के नतीजों को ट्रैक्टरों की अच्छी बिक्री और लागत नियंत्रण के उपायों से बल मिला। कंपनी ने यात्री वाहनों की बिक्री में कमी को ट्रैक्टर की शानदार माँग से भर लिया। अच्छे मॉनसून से सहारा मिलने के बाद इस दौरान ट्रैक्टर बिक्री 26% बढ़ गयी है।
साल-दर-साल आधार पर अप्रैल-जून तिमाही में कंपनी की अन्य आय 6 करोड़ रुपये से बढ़ कर 164 करोड़ रुपये रही। अच्छे नतीजों के बावजूद कंपनी का कहना है कि देश की आर्थिक स्थिति खराब है और इससे ऑटो क्षेत्र के लिए आने वाले दिन कठिनाइयों भरे हो सकते हैं।
आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज का कहना है कि महिंद्रा ऐंड महिंद्रा के नतीजे अनुमान के अनुसार रहे हैं। ब्रोकिंग फर्म ने कंपनी के शेयर में खरीदारी की सलाह कायम रखी है और इसका लक्ष्य भाव 1,150 रुपये दिया है।
घटती माँग से टाटा मोटर्स के मुनाफे पर दबाव
कारोबारी साल 2013-14 की पहली तिमाही में टाटा मोटर्स का कंसोलिडेटेड मुनाफा घट कर 1,726 करोड़ रुपये हो गया है। पिछले साल की समान अवधि में कंपनी को 2,245 करोड़ रुपये का मुनाफा हुआ था। इस तरह कंपनी के मुनाफे में 23% गिरावट आयी है। हालाँकि अप्रैल-जून 2013 तिमाही में कंपनी की कुल आय 8% बढ़ कर 46,967 करोड़ रुपये रही है, जो कि बीते वर्ष की इसी तिमाही में 43,562 करोड़ रुपये रही थी। इस दौरान कंपनी की शुद्ध बिक्री भी 8% बढ़ कर 46,751 रही है, जबकि पिछले साल की समान अवधि में यह 43,171 करोड़ रुपये दर्ज हुई थी।
रेलिगेयर सिक्योरिटीज का कहना है कि घटती माँग से टाटा मोटर्स के घरेलू कारोबार पर दबाव है। हालाँकि इसने कंपनी के शेयर में खरीदारी की सलाह कायम रखी है, लेकिन लक्ष्य भाव 350 रुपये से घटा कर 340 रुपये कर दिया है।
(निवेश मंथन, सितंबर 2013)