Nivesh Manthan
Menu
  • Home
  • About Us
  • ई-पत्रिका
  • Blog
  • Home/
  • 2013/
  • फरवरी 2013/
  • नहीं सँभला 5800 पर तो टूटेगा निफ्टी 5500-5400 तक
Follow @niveshmanthan

क्या हफ्ते भर का पैसा नहीं स्पीक एशिया के पास?

Details
Category: जुलाई 2011

इंटरनेट पर सर्वेक्षण कराने वाली कंपनी स्पीक एशिया ऑनलाइन प्राइवेट लिमिटेड के लुभावने कारोबार का हिसाब दिमाग घुमा देने वाला है। खुद कंपनी के बयानों के मुताबिक इसके भारत में 19 लाख सदस्य (पैनलिस्ट) हैं। इसके कामकाज को समझ कर यही पता चलता है कि तकरीबन हर सदस्य ने इस कंपनी को 5,500 रुपये का छमाही या 11,000 रुपये का सालाना शुल्क दिया होगा। अगर सीधा हिसाब लगायें तो कंपनी ने इस तरह भारत में अपने सदस्यों से करीब 2,000 करोड़ रुपये तक की रकम पा ली है। अगर निवेश मंथन का यह अनुमान सच के करीब नहीं है तो क्या स्पीक एशिया बतायेगी कि उसे और उसके साथ जुड़ी अन्य कंपनियों को इन 19 लाख सदस्यों से ई-जीन का ग्राहक बनने, परीक्षा देने या किसी भी और नाम पर कुल कितनी रकम मिली है?

Read more...

लाखों की नौकरी मिलेगी, बस जरा पत्तियाँ...

Details
Category: जुलाई 2011

आपको भी क्या ऐसा ही कोई ईमेल मिला है - शानदार नौकरी के लिए प्रस्ताव मारुति सुजुकी या ऐसी ही किसी दिग्गज कंपनी की तरफ से? बिना कोई आवेदन किये, एकदम अचानक? आप सोचने लगे हों कि अरे, शायद सोयी किस्मत जाग गयी!

Read more...

सीधी बिक्री में मिला सफलता का नया मंत्र

Details
Category: जुलाई 2011

गिरीश बत्रा़, नेटऐंबिट के सीएमडी  

आज भले ही आप मोबाइल पर बीमा या क्रेडिट कार्ड की कॉल से परेशान होते हों, लेकिन 8-10 साल पहले फोन पर वित्तीय सेवाएँ बेचने की बात सोचना मुश्किल था। गिरीश बत्रा ने सीधी बिक्री के परंपरागत मॉडल को बदल कर नयी राह चुनी, जिससे उनकी कंपनी आज 4000 लोगों की कंपनी बन चुकी है। नेटऐंबिट के सीएमडी गिरीश बत्रा से एक खास बातचीत...

Read more...

एसएमई पंजीकरण के हैं फायदे ही फायदे

Details
Category: जुलाई 2011

सुशांत

छोटे और मँझोले उद्योग भारतीय उद्योग की रीढ़ माने जाते हैं। देश के कुल निर्यात में 40% योगदान इसी क्षेत्र का है। एक अनुमान के मुताबिक छोटे और मँझोले उद्योग 3 करोड़ से ज्यादा लोगों को रोजगार देते हैं। लेकिन इस क्षेत्र में ज्यादातर उद्योग असंगठित हैं और इससे इन्हें कई दिक्कतों का सामना भी करना पड़ता है।

Read more...

बाजार टूटे तो क्या एसआईपी तोड़ दें?

Details
Category: जुलाई 2011

शिवानी भास्कर

म्यूचुअल फंड
शेयर बाज़ार में निवेश के संबंध में दो एकदम विरोधाभासी बातें प्रचलित हैं। पहली बात यह कि यहाँ सही समय में अपने निवेश का चुनाव सबसे महत्वपूर्ण है। दूसरी बात यह कि शेयर बाजार में बिल्कुल सही समय कभी नहीं पकड़ा जा सकता, यानी शेयर बाजार को तेजी और मंदी के हर चक्र के बिल्कुल निचले हिस्से में पकडऩा और ऊपरी हिस्से में छोडऩा नामुमकिन है। चाहे दुनिया के सबसे सफल निवेशक वारेन बफेट हों या भारत के सबसे मशहूर निवेशक राकेश झुनझुनवाला, सबने अनगिनत बार यही बात कही है।

Read more...

Page 3 of 3

  • Start
  • Prev
  • 1
  • 2
  • 3
7 Empire

अर्थव्यवस्था

  • भारत की विकास दर (जीडीपी वृद्धि दर) : भविष्य के अनुमान
  • भारत की विकास दर (जीडीपी वृद्धि दर) बीती तिमाहियों में
  • भारत की विकास दर (जीडीपी वृद्धि दर) बीते वर्षों में

बाजार के जानकारों से पूछें अपने सवाल

सोशल मीडिया पर

Additionaly, you are welcome to connect with us on the following Social Media sites.

  • Like us on Facebook
  • Follow us on Twitter
  • YouTube Channel
  • Connect on Linkedin

Download Magzine

    Overview
  • 2023
  • 2016
    • July 2016
    • February 2016
  • 2014
    • January

बातचीत

© 2025 Nivesh Manthan

  • About Us
  • Blog
  • Contact Us
Go Top