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सात तारीख को मनाइये म्यूचुअल फंड दिवस!

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Category: जुलाई 2017

रिलायंस म्यूचुअल फंड ने हाल में हर महीने की सात तारीख को म्यूचुअल फंड दिवस आयोजित करना आरंभ किया है।

कंपनी का कहना है कि इस आयोजन का लक्ष्य है भारत के हर परिवार का म्यूचुअल फंड में निवेश कराना और उनमें नियमित निवेश की आदत डालना। इन आयोजनों में वह लोगों से कह रही है - हर महीने की तारीख सात, कीजिए म्यूचुअल फंड की आदत की शुरुआत!
ऊँची बचत और अधिक विकास दर की बदौलत भारत एशिया की अन्य अर्थव्यवस्थाओं के मुकाबले अगले बड़े निवेश स्थान के तौर पर उभर रहा है। यूएनपीएफ की एक रिपोर्ट के मुताबिक, यहाँ आधी से अधिक जनसंख्या 25 साल से कम की है, जिनमें बहुत सारे लोग पहली बार कार्यबल का हिस्सा बन रहे हैं। देश की इस बड़ी जनसंख्या को वित्तीय स्वतंत्रता हासिल करने में मदद करने की दिशा में यह अहम है कि उनमें आरंभ से ही निवेश की आदत का विकास किया जाये। जो लोग लंबे समय में पूँजी निर्माण के इच्छुक हैं, उनके लिए म्यूचुअल फंड में निवेश एक विकल्प हो सकता है, क्योंकि यहाँ अपेक्षाकृत कम राशि के निवेश पर भी विविधीकरण और संपदा आवंटन (एसेट एलोकेशन) की सुविधा उपलब्ध होती है।
दरअसल अमीर होने का सपना हर इंसान देखता है। हम हमेशा सोचते हैं कि किस तरह से पूँजी का निर्माण करें और अपने निवेश पर अधिक से अधिक प्रतिफल (रिटर्न) हासिल करें। लेकिन जैसा कि रिच डैड पुअर डैड नामक पुस्तक में कहा गया है, खुद पैसे के लिए काम पर लगने के बजाय अपने पैसे को काम पर लगाइये। और उसके लिए जरूरी है निवेश।
निवेश के विकल्पों की कोई कमी नहीं है, लेकिन सही चुनाव इस पर निर्भर करता है कि आपकी वित्तीय स्थिति कैसी है, आमदनी कितनी है और जोखिम लेने की क्षमता कैसी है। निवेश के विभिन्न विकल्पों को देख-परख कर ही उचित विकल्प का चुनाव चाहिए।
बैंक में निवेश
अधिकांश लोग बचत के पारंपरिक साधनों में निवेश को प्राथमिकता देते हैं, क्योंकि उनका यह मानना होता है कि इन साधनों में किया गया निवेश सुरक्षित है और इनसे मिलने वाला प्रतिफल अच्छा है। यह बात सही है कि इनमें किया गया निवेश सुरक्षित होता है। लेकिन इन निवेशों पर लगने वाले कर को घटाने के बाद देखें, तो यह स्पष्ट हो जाता है कि ये बेहतर प्रतिफल नहीं देते।
शेयरों में निवेश
आम धारणा यह है कि शेयरों में लंबी अवधि में बेहतर प्रतिफल देने की क्षमता होती है। लेकिन बहुत सारे लोग इस वजह से हिचकते भी हैं कि शेयरों में निवेश करना काफी जोखिम भरा हो सकता है। पल भर के इधर-उधर में निवेशक कई बार अपने लाभ ही नहीं, बल्कि मूलधन तक गँवा देता है। ऐसे कई कारक होते हैं, जो शेयरों की कीमत में संभावित उतार-चढ़ाव को प्रभावित करते हैं। शेयर बाजार में पैसे बनाने की कुंजी है समय और धैर्य। साथ ही, शेयर बाजार से लाभ हासिल करने के लिए जानकारी और समझ की जरूरत होती है। जिन्हें शेयर बाजार और कंपनियों के मूल्यांकन वगैरह की समझ नहीं हो, उनके लिए बेहतर यही होगा कि वे इसमें निवेश का काम बाजार के जानकारों पर ही छोड़ दें।
सोने में निवेश
अगर आपने पाँच साल पहले 10 ग्राम सोना लंबी अवधि के निवेश के नजरिये से खरीदा होता, तो उसकी लागत तकरीबन 31,000 रुपये होती। आज 10 ग्राम सोने की कीमत 28,000 रुपये है। इसका मतलब यह हुआ कि पाँच सालों में सोने में लगी हुई आपकी पूँजी लगभग 10त्न घट चुकी है। तरलता के लिहाज से सोने को एक बेहतरीन निवेश विकल्प माना जाता है, लेकिन इससे मिलने वाला लाभ भी ऊपर-नीचे हो सकता है।
म्यूचुअल फंडों में निवेश
अधिकांश म्यूचुअल फंडों का सक्रिय रूप से प्रबंधन किया जाता है। ऐसे में निवेशक को इसकी लगातार निगरानी के बारे में परेशान नहीं होना पड़ता। म्यूचुअल फंड शेयरों में, डेब्ट विकल्पों में या इन दोनों के मिश्रण में निवेश करते हैं। हर म्यूचुअल फंड योजना के साथ उसके फंड मैनेजर का उल्लेख होता है और आप उस फंड मैनेजर के अब तक के प्रदर्शन के बारे में ऑनलाइन पता कर सकते हैं।
अच्छी बात यह है कि अल्पावधि पूँजीगत लाभ कर (एसटीजीसी) के बावजूद म्यूचुअल फंडों को काफी अच्छा माना जाता है और यह शुरुआती निवेशकों के साथ-साथ जानकार निवेशकों के लिए भी बेहतर निवेश विकल्प है।
बेहतर निवेशक विकल्प का चुनाव अच्छे भविष्य के लिए काफी अहम होता हैं, क्योंकि इसी में जीवन शैली को बेहतर करने की संभावनाएँ निहित होती हैं। मसलन, नियमित निवेश से हासिल बेहतर लाभ से आप अपनी पुरानी कार के बदले कुछ साल में एक नयी शानदार कार ले सकते हैं। यह है निवेश की ताकत!
निवेश के साधन के तौर पर म्यूचुअल फंडों ने पिछले कुछ सालों के दौरान जबरदस्त लोकप्रियता हासिल की है। हालाँकि, देश में म्यूचुअल फंड में निवेश करने वाले लोगों की संख्या अभी भी दुनिया के अन्य देशों और समकक्षों के मुकाबले काफी कम है। म्यूचुअल फंड दिवस जैसे आयोजन निवेशकों को इस ओर आकर्षित करने की दिशा में योगदान कर सकते हैं।
(निवेश मंथन, जुलाई 2017)

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