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रिलायंस इंडस्ट्रीज : मुख्य परियोजनाओं से उम्मीद

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Category: मई 2017

जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज ने रिलायंस इंडस्ट्रीज के लिए 1584 रुपये का लक्ष्य भाव बताते हुए खरीदारी की सलाह दी है।

रिलायंस ने 2016-17 की चौथी तिमाही में अपना सर्वाधिक तिमाही लाभ दर्ज किया है। यह उपलब्धि मजबूत जीआरएम (11.5 डॉलर/बैरल) के साथ ही निम्न वित्तीय खर्चों (सालाना आधार पर 60% की गिरावट) और 18.5% की निम्न कर दर के कारण संभव हुआ है। जीआरएम पिछले वर्ष की समान तिमाही में 10.8 डॉलर/बैरल था। ब्रोकिंग फर्म को उम्मीद है कि मुख्य क्षेत्र की परियोजनाओं के पूरी तरह चालू होने पर रिलायंस इंडस्ट्रीज का शेयर मुख्य सूचकांक के मुकाबले बेहतर प्रतिफल देगा।
टीसीएस : संरक्षणवाद, मुद्रा अधिमूल्यन भारी
आईसीआईसीआई डायरेक्ट ने टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस) के लिए 2400 रुपये का लक्ष्य बताते हुए यह शेयर रखे रहने की सलाह दी है। कंपनी की अमेरिकी डॉलर आय अंतर मुद्रा लाभ (50 आधार अंक) की पृष्ठभूमि में तिमाही आधार पर उम्मीद से बेहतर, 1.5% बढ़ी है। पर बीएफएसआई के कारोबार में इसकी आय तिमाही आधार पर 0.4% घटी है। आईटी क्षेत्र के संरचनात्मक मुद्दों के कारण ग्राहकों पर खर्च घटने से खुदरा क्षेत्र की आय में तिमाही आधार पर 3% गिरावट आयी है, जो आगामी तिमाहियों में भी नरम बने रहने की संभावना है। विभिन्न देशों में बढ़ते संरक्षणवाद और रुपये में मजबूती से मार्जिन पर दबाव बना रह सकता है।
इन्फोसिस : मार्जिन में सुधार पर जोर
ऐक्सिस डायरेक्ट ने इन्फोसिस के लिए 1,092 रुपये के लक्ष्य से खरीदने की सलाह दी है। इन्फोसिस ने वित्त वर्ष 2016-17 में अनुमान के उच्च छोर के अनुरूप 24.6% का एबिटा मार्जिन दर्ज किया है। हालाँकि इसने वित्त वर्ष 2017-18 के लिए एबिटा अनुमान को रुपये में आ रही मजबूती और ऑनसाइट डेवलपमेंट सेंटर में निवेश जैसे दो कारणों से घटा दिया है। प्रबंधन ने कहा है कि मार्जिन बेहतर करने के लिए वह ऑफशोर मिक्स में सुधार, लागत पर नियंत्रण और ऑटोमेशन पर जोर देगा। मूल्य प्राप्तियाँ बढऩे और अगली पीढ़ी की सेवाओं में वृद्धि से बेहतरी आ सकती है और इससे मार्जिन में सुधार होगा।
विप्रो : वृद्धि में ठहराव के आसार
केआर चोकसी सिक्योरिटीज ने विप्रो का शेयर 531 रुपये के लक्ष्य के साथ निचले भावों पर जमा करने की सलाह दी है। पिछली तिमाही में परियोजनाओं की पूर्णता के कारण 2017-18 की पहली तिमाही के लिए वृद्धि में ठहराव रहेगा, और कुछ परियोजनाओं पर अभी भी काम जारी होने से 2017-18 की दूसरी तिमाही से वृद्धि रफ्तार पकड़ेगी। कंपनी ने अमेरिका और यूके में बहु-ग्राहक डिलीवरी केंद्र खोले हैं, जो कामकाज के संचालन और लागत घटाने में मदद करेंगे। जहाँ तक ओबामा केयर का मामला है, आईटी उद्योग पर इसका असर आना बाकी है।
हिंदुस्तान जिंक : उम्मीद से बेहतर नतीजे
आईसीआईसीआई डायरेक्ट ने हिंदुस्तान जिंक के लिए 300 रुपये के लक्ष्य भाव पर खरीद की सलाह दी है। हिंद जिंक ने वित्त वर्ष 2016-17 की चौथी तिमाही में उम्मीद से अधिक बिक्री मात्रा की बुनियाद पर उम्मीद से बेहतर नतीजे दिये हैं। जिंक धातु की रॉयल्टी पूर्व प्रति टन उत्पादन लागत इस तिमाही के दौरान सालाना आधार पर 8% घटी है। इस तिमाही में कंपनी का मूल्यह्रास भी ब्रोकिंग फर्म के अनुमान से अधिक रहा है। कंपनी के मजबूत नतीजे, अच्छा नकदी प्रवाह, निम्न उत्पादन लागत, शुद्ध नकदी स्थिति और अच्छा लाभांश देयता सकारात्मक संकेत देते हैं।
मारुति सुजुकी : मजबूत माँग का फायदा
विमुद्रीकरण के कठिन समय में कंपनी की घरेलू बिक्री सालाना आधार पर 4% बढ़ी है। वाहन उद्योग में डीजल वाहनों की बिक्री घटने के बावजूद मारुति के डीजल वाहनों की बिक्री सालाना आधार पर 13.6% बढ़ी है। कंपनी के मार्जिन पर नये संयंत्र और कमोडिटी कीमतों का प्रतिकूल असर पड़ेगा। हालाँकि जापान से उच्च आयात से येन पर कम निर्भरता और नये उत्पादों पर रुपये में रॉयल्टी भुगतान, बेहतर उत्पाद-मिश्र के कारण ग्राहकों को कम छूट, मजबूत माँग से सकारात्मक परिचालन लाभ और कमजोर येन का असर सकारात्मक पड़ेगा।
एचडीएफसी बैंक : लागत नियंत्रण पर ध्यान
मोतीलाल ओसवाल सिक्योरिटीज ने एचडीएफसी बैंक के तिमाही नतीजों पर जारी रिपोर्ट में इसके प्रदर्शन को सभी मोर्चों पर शानदार बताया है। बैंक ने 2016-17 की चौथी तिमाही में शानदार ऋण वृद्धि के साथ लागत पर अच्छा नियंत्रण दिखाया, मार्जिन को सुधारा और संपत्ति की गुणवत्ता को बनाये रखा। तीसरी तिमाही में इसकी ऋण वृद्धि कुछ धीमी पड़ी थी, मगर चौथी तिमाही में इसने 19.4% वृद्धि दर्ज की। डिजिटलीकरण के चलते बैंक कर्मचारियों की संख्या में कमी कर रहा है। इसने बीती तिमाही में लगभग 6,000 और दूसरी छमाही में लगभग 10,000 कर्मचारी घटाये हैं, जिससे कर्मचारी लागत घटी है।
आईसीआईसीआई बैंक : कामकाजी मुनाफे में सुधार
आईसीआईसीआई बैंक ने चार तिमाहियों तक सपाट रुख के बाद 2016-17 की चौथी तिमाही में अपने कोर ऑपरेटिंग प्रॉफिट में 11% से अधिक की बढ़त दर्शायी। बीती तिमाही में 11,289 करोड़ रुपये के स्लिपेजेज यानी नये एनपीए की वजह से इसका सकल एनपीए 11.7% बढ़ कर 42,552 करोड़ रुपये पर और शुद्ध एनपीए 26.3% बढ़ कर 25,451 करोड़ रुपये पर पहुँचा। बैंक के मुताबिक इस स्लिपेजेज में 5,378 करोड़ रुपये केवल एक सीमेंट कंपनी के हैं। संकेतों से लगता है कि यह कंपनी जयप्रकाश एसोसिएट्स है। बैंक को उम्मीद है कि इस सीमेंट इकाई के विलय का सौदा पूरा होने के बाद यह खाता एनपीए से हट जायेगा।
कोटक महिंद्रा बैंक : दिख रहे हैं विलय के लाभ
मोतीलाल ओसवाल ने कोटक महिंद्रा बैंक के तिमाही नतीजों पर अपनी रिपोर्ट में जिक्र किया है कि आईएनजी वैश्य बैंक के विलय से मिलने वाले लाभ दिखने लगे हैं और कोटक महिंद्रा बैंक ने चौतरफा मजबूत प्रदर्शन किया है। इसका स्टैंडएलोन तिमाही मुनाफा 40% बढ़ कर 976 करोड़ रुपये रहा है, जो अनुमानों की तुलना में 10% अधिक है। शुद्ध ब्याज आय (एनआईआई) में 16% की अच्छी बढ़त हुई और शुद्ध ब्याज मार्जिन (एनआईएम) 0.10% अंक सुधर कर 4.6% रहा। ऋण वृद्धि की दर पिछली तिमाहियों के 10-12% से सुधर कर 15% हो गयी। इसका सकल एनपीए 2.25% और शुद्ध एनपीए 1.09% रहा।
ऐक्सिस बैंक : बस ऊपर से बेहतर नतीजे
एचडीएफसी सिक्योरिटीज ने ऐक्सिस बैंक के नतीजों पर कहा है कि ये अनुमानों से बेहतर हैं, पर केवल ऊपर से देखने में। एनआईएम में हुए सुधार में 0.13% योगदान ब्याज वापसी के राइटबैक के एकमुश्त लाभ से आया है। सकल एनपीए को भी एकमुश्त वसूलियों या एनपीए से सामान्य खाते में लौटने और ऊँचे राइट ऑफ से नियंत्रण में रखा जा सका, जबकि एकमुश्त सीमेंट खाते को मिला कर नये एनपीए (स्लिपेजेज) की मात्रा बढ़ी है। बैंक के कॉर्पोरेट ऋणों पर दबाव, इनके धीमे समाधान और ऊँचे मूल्यांकन के चलते इसे उदासीन रेटिंग दी गयी है।
यस बैंक : मजबूत वृद्धि, पर ऊँचे प्रावधान
यस बैंक के नतीजों को अनुमानों के अनुरूप बताते हुए मोतीलाल ओसवाल सिक्योरिटीज ने कहा है कि इसकी संपदा गुणवत्ता में गिरावट एक बड़े खाते के एकमुश्त असर के चलते आयी है। इसके चलते सकल एनपीए दोगुना हो कर 20.2 अरब रुपये पर पहुँच गया, लेकिन यह बड़ा खाता 2017-18 की पहली तिमाही में वापस सामान्य हो सकता है। बैंक के एनआईआई में 32% की वृद्धि हुई और एनआईएम 0.20% सुधर कर 3.6% रहा। एनआईआई और अन्य आय में मजबूती के बावजूद मुनाफा अनुमानों के अनुरूप रहा, क्योंकि प्रावधानों का स्तर ऊँचा रहा।
इंडसइंड बैंक : अच्छा प्रदर्शन, पर मूल्यांकन ऊँचा
आईडीबीआई कैपिटल ने इंडसइंड बैंक के तिमाही प्रदर्शन की तारीफ की है और इसका लक्ष्य भाव पहले से बढ़ाया भी है, मगर ऊँचे मूल्यांकन के आधार पर इसकी रेटिंग घटा दी है। ब्रोकिंग फर्म ने अपनी रिर्पोट में कहा है कि बैंक ने चौथी तिमाही में अनुमानों को मजबूती से पीछे छोड़ा है। इसकी शुद्ध ब्याज आय (एनआईआई) 31.5% बढ़ कर 1667.5 करोड़ रुपये रही है। बीती तिमाही में इसका शुद्ध ब्याज मार्जिन (एनआईएम) 4.0% पर स्थिर रहा है। आईडीबीआई कैपिटल का मानना है कि आगे इसके एनआईएम में हल्का सुधार होता रहेगा।
यूपीएल लिमिटेड : पेटेंट खत्म होने से वृद्धि के अवसर
केआर चोकसी सिक्योरिटीज ने यूपीएल लिमिटेड के शेयर के लिए 1015 रुपये का लक्ष्य भाव बताया है और इसे खरीदने की सलाह दी है। ब्रोकिंग फर्म का मानना है कि आगामी भविष्य में अधिकांश उत्पादों का पेटेंट खत्म होना यूपीएल जैसी जेनरिक कंपनियों को आगे वृद्धि के अवसर में मदद दे सकता है। इसके अलावा जैविक बाजार में मजबूत हो रही उपस्थिति, फसल बाद खाद्य व्यवसाय का मजबूत परिदृश्य और नवोन्मेष दर में सुधार मँझोली से दीर्घ अवधि में कंपनी की संभावनाएँ मजबूत नजर आ सकती हैं। इन सभी को ध्यान में रखते हुए ब्रोकिंग फर्म ने शेयरों में खरीद की सलाह बरकरार रखी है।
अल्ट्राटेक सीमेंट : बिक्री के मोर्चे पर शानदार प्रदर्शन
केआर चोकसी सिक्योरिटीज ने अल्ट्राटेक सीमेंट को 4266 रुपये के लक्ष्य के साथ रखे रहने की सलाह दी है। कंपनी ने विमुद्रीकरण के बावजूद बेहतर बिक्री हासिल की है। ब्रोकिंग फर्म को 2017-18 की पहली तिमाही से आगे भी अल्ट्राटेक की बिक्री में तेज वद्धि की उम्मीद है। जेपी एसोसिएट्स के अधिग्रहण और सस्ती लागत के आवासों और बुनियादी ढाँचे के विकास पर सरकार के जोर देने के कारण सीमेंट बिक्री बढऩे की उम्मीद है। कच्चे माल की लागत में वृद्धि के बावजूद कंपनी की दक्षता बनी हुई है। पर विस्तार के कारण कंपनी के प्रतिफल अनुपात पर दबाव है।
रिलायंस कैपिटल : मजबूती पर ध्यान
आईसीआईसीआई डायरेक्ट ने रिलायंस कैपिटल के लिए 740 रुपये के लक्ष्य से खरीदने की सलाह दी है। कंपनी की प्रबंधन अंतर्गत संपदा में सालाना आधार पर 24% की मजबूत वृद्धि होने से कर पूर्व लाभ सालाना आधार पर 21% बढ़ा है। कंपनी का जीवन बीमा व्यवसाय कमजोर बना हुआ है जबकि वाणिज्यिक वित्त और साधारण बीमा व्यवसाय में मजबूती रही। रिलायंस कैपिटल वित्त वर्ष 2016-17 में अपने आवास ऋण व्यवसाय (वित्त वर्ष 2017-18 की पहली छमाही में सूचीबद्ध होगी) और वाणिज्यिक वित्त (रिलायंस गिल्ट को हस्तांतरित) व्यवसाय का विभाजन करते हए एक शुद्ध मुख्य निवेश कंपनी बन गयी है।
एम ऐंड एम फाइनेंशियल : ऊँचे प्रावधानों से घटा मुनाफा
मोतीलाल ओसवाल ने एम ऐंड एम फाइनेंशियल का लक्ष्य भाव 400 रुपये रखा है और इसे खरीद रेटिंग दी है। वित्त वर्ष 2016-17 की चौथी तिमाही में एम ऐंड एम फाइनेंशियल का शुद्ध लाभ इसके मजबूत परिचालन प्रदर्शन को झुठलाते हुए अनुमान से 16% कम रहा। एनपीए के लिए 1.1 अरब रुपये का प्रावधान किया जाना इसका मुख्य कारण रहा। वित्त पोषित संपदा के मूल्य में सालाना आधार पर 23% की वृद्धि के कारण कंपनी की प्रबंधन अंतर्गत संपदा सालाना आधार पर 14% बढ़ी है। साथ ही फंड लागत में तिमाही आधार पर तेज गिरावट रही है। मोतीलाल ओसवाल सिक्योरिटीज का मानना है कि कंपनी की दीर्घावधि संभावनाएँ मजबूत बनी हुई हैं।
अंबुजा सीमेंट : एसीसी से तालमेल का फायदा
अरिहंत कैपिटल ने अंबुजा सीमेंट का लक्ष्य 266 रुपये माना है और इसे रखने की सलाह दी है। 2016-17 की चौथी तिमाही में मुख्यत: निम्न कर भुगतान के कारण कंपनी के लाभ में पिछली समान तिमाही के मुकाबले अच्छी वृद्धि हुई है। एसीसी-अंबुजा पुनर्गठन से बने तालमेल से 900 करोड़ रुपये का लाभ मिला है। लाफार्ज होल्सिम की अंबुजा में हिस्सेदारी 50.5% से बढ़ कर 61.1% हो गयी है। साथ ही अंबुजा ने लाफार्ज को 3500 करोड़ रुपये दिये हैं और बदले में उसे एसीसी में लाफार्ज की 50.05% इक्विटी मिली है।
एसीसी : लाभप्रदता में सुधार, पर महँगा
कार्वी स्टॉक ब्रोकिंग ने एसीसी का लक्ष्य भाव 1552 रुपये बताया है और इसे बेचने की सलाह दी है। कैलेंडर वर्ष 2017 की पहली तिमाही में एसीसी का कामकाजी प्रदर्शन उम्मीद से अधिक बिक्री और अनुमान से कम लागतों के कारण बेहतर रहा है। ब्रोकिंग फर्म को बिक्री में वृद्धि और मार्जिन में सुधार के कारण कैलेंडर वर्ष 2017 और 2018 में 24% के एबिटा सीएजीआर के साथ लाभप्रदता (कैलेंडर वर्ष 2016 के निम्न आधार पर) बढऩे की उम्मीद है। हालाँकि ब्रोकिंग फर्म ने मूल्यांकन को महँगा मानते हुए इसके शेयरों को बेचने की सलाह दी है।
(निवेश मंथन, मई 2017)

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