Nivesh Manthan
Menu
  • Home
  • About Us
  • Download Magzine
  • Blog
  • Contact Us
  • Home/
  • 2017/
  • जून 2017/
  • दिल्ली में निवेशक चाय पार्टी : खपत आधारित शेयरों में बनेंगे पैसे
Follow @niveshmanthan

भारतीय शेयर बाजार को मिलता रहेगा ऊँचा मूल्यांकन

Details
Category: अप्रैल 2017

गौरव दुआ, रिसर्च प्रमुख, शेयरखान :

पहली नजर में देखें तो इस समय भारतीय शेयरों का मूल्यांकन ऊँचा जान पड़ता है।

सेंसेक्स अभी वित्त वर्ष 2017-18 की अनुमानित प्रति शेयर आय (ईपीएस) के आधार पर 18-18.5 मूल्य-आय (पीई) अनुपात पर चल रहा है, जो इसके मूल्यांकन के दीर्घावधि औसत की तुलना में लगभग 15% ज्यादा ऊँचा भाव होना दर्शाता है। इसके अलावा, विमुद्रीकरण या नोटबंदी के प्रभाव से चौथी तिमाही (2016-17) के कारोबारी नतीजे सुस्त ही रहने की संभावनाएँ हैं। और फिर, आगे चल कर वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) लागू होने से तात्कालिक रूप से भारतीय कंपनियों के वित्तीय प्रदर्शन पर कुछ असर पड़ सकता है, क्योंकि वे अपने व्यवसायों को बदली हुई कर संरचना के मुताबिक ढालने में लगी रहेंगी। इसलिए निकट भविष्य में मानक सूचकांक के स्तर पर बाजार में बढ़त की उम्मीदें सीमित लगती हैं।
हालाँकि, हम इक्विटी के प्रति रचनात्मक दृष्टिकोण रख कर ही चल रहे हैं। इसलिए हम छोटी अवधि के लिए ऊपर बतायी गयी चिंताओं के बावजूद बाजार में आने वाली किसी गिरावट को खरीदारी के अवसर के रूप में देख रहे हैं। हमारा यह सकारात्मक रुख तीन मुख्य कारणों से है। एक तो यह कि अगले वित्त वर्ष से कंपनियों की आय में सुधार होने की उम्मीद है। दूसरे, लगभग सात वर्षों के बाद भारतीय व्यवसायों के प्रतिफल अनुपातों (रिटर्न ऑन इक्विटी) में सुधार हो रहा है। और तीसरे, जो सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण है, महँगाई दर की प्रत्याशाएँ घट रही हैं, जिससे देश में लंबी अवधि के लिए निम्न ब्याज दरों के बने रहने की संभावना दिखती है। ये सभी कारक भारतीय शेयर बाजार को अपना यह ऊँचा मूल्यांकन बरकरार रखने में मदद करेंगे।
इसके अलावा, कुछ मुख्य पैमानों को देखें, जैसे कि सूचीबद्ध भारतीय कंपनियों की कुल बाजार पूँजी और भारत की जीडीपी का अनुपात, तो भारतीय बाजार महँगा नहीं लग रहा है। हाल में बाजार में आयी उछाल के बावजूद बाजार पूँजी और जीडीपी का अनुपात अभी 0.8 गुना पर है, जो इसके औसत से नीचे ही है। यह आँकड़ा पिछली तेजी के अंतिम चरण में हासिल 1.2-1.5 गुना के बुलबुले वाले मूल्यांकन से तो बहुत ही दूर है। इसलिए अगर आय में वृद्धि की प्रक्रिया तेज होती है और वैश्विक परिवेश भी ठीक-ठाक रहता है, तो मध्यम अवधि में भारतीय बाजार में मजबूती जारी रहेगी।
विभिन्न क्षेत्रों पर नजर डालें तो हम निजी क्षेत्र के बैंकों, एनबीएफसी, ऑटो, ऑटो पुर्जे, और कुछ चुनिंदा उपभोक्ता एवं ऊर्जा कंपनियों को पसंद कर रहे हैं। हमारे पसंदीदा शेयर हैं एलऐंडटी फाइनेंस, जी एंटरटेनमेंट, रिलायंस इंडस्ट्रीज, पावर ग्रिड कॉर्पोरेशन, मारुति, एलआईसी हाउसिंग और यस बैंक।
सरकारी बैंकों और आईटी क्षेत्र को लेकर हम सावधानी बरतने की सलाह दे रहे हैं। सरकारी बैंकों के सामने संपदा गुणवत्ता की जो समस्या है, उसके सुलझने में अभी और कुछ समय लगने वाला है। वहीं उनका मुख्य व्यवसाय भी अभी ठंडा है। आईटी सेवाओं के क्षेत्र में ट्रंप प्रशासन की संरक्षणवादी नीतियों का असर बना रहेगा। साथ ही इस क्षेत्र में माँग की स्थिति भी बहुत अच्छी नहीं है। इसलिए आईटी सेवा कंपनियों के शेयरों की बढ़त सीमित ही रहेगी।
(निवेश मंथन, अप्रैल 2017)

We are Social

Additionaly, you are welcome to connect with us on the following Social Media sites.

  • Like us on Facebook
  • Follow us on Twitter

Download Magzine

    Overview
  • 2016
    • July 2016
    • February 2016
  • 2014
    • January

बातचीत

© 2023 Nivesh Manthan

  • About Us
  • Blog
  • Contact Us
Go Top