Nivesh Manthan
Menu
  • Home
  • About Us
  • Download Magzine
  • Blog
  • Contact Us
  • Home/
  • 2012
Follow @niveshmanthan

सोने में तेजी, 34,000 तक जा सकते हैं भाव

Details
Category: मार्च 2017

जयंत मांगलिक, प्रेसिडेंट, रेलिगेयर सिक्योरिटीज :

अभी सोने की मूल्य-वृद्धि के पक्ष में चार बातें हैं - कमजोर डॉलर, अमेरिकी ब्याज दरें, अमेरिकी महँगाई दर एवं कच्चे तेल (क्रूड) की कीमतें और भूराजनयिक स्थितियाँ।

अमेरिका में कह तो रहे हैं कि ब्याज दरों में वृद्धि होगी, लेकिन अगर गिनें कि पिछले दो-ढाई वर्षों में कितनी बार उन्होंने दरें बढ़ाने के बारे में कहा और कितनी बार वास्तव में बढ़ाया, तो उससे यह भरोसा नहीं बनता कि वे आगे जल्दी दरें बढ़ा सकेंगे। वे हमेशा यही कहते हैं कि दरों को बढ़ाना आँकड़ों पर निर्भर होगा। ऐसे में अगर अमेरिका में ब्याज दरें अभी नहीं बढ़ाने का फैसला होता है तो सोने की कीमतें बढ़ जायेंगी।
वैश्विक और अमेरिकी महँगाई दर आपस में जुड़ी हुई हैं। अमेरिका में महँगाई दर थोड़ी बढ़ी है। अगर कच्चे तेल के दाम बढ़ेंगे और उसके चलते महँगाई दर ऊपर जायेगी, तो सोने के दाम भी बढ़ेंगे। वहीं डोनाल्ड ट्रंप के नेतृत्व में जिस तरह अमेरिका का आक्रामक रुख बना हुआ है, और मध्य-पूर्व में जो कुछ चल रहा है, उसको देखते हुए कुछ-न-कुछ घटित हो सकता है। एक वैश्विक अनिश्चितता बनी रहेगी और तनाव बढ़ा हुआ रहेगा।
अभी इन चारों कारकों का मिला-जुला असर है। जब ट्रंप राष्ट्रपति बने तो लोगों ने कहा कि इसके चलते डॉलर में मजबूती आयेगी और ब्याज दरों में भी बढ़ोतरी होगी। पर अभी तक वास्तव में हो यह रहा है कि अनिश्चितता बढ़ रही है। इस तरह के आक्रामक रुख के साथ जो अनिश्चितता जुड़ी रहती है, उसे निवेशक पसंद नहीं करते हैं। ऐसी स्थिति में निवेशक अपना पैसा सोने में लगाना चाहते हैं।
इन चारों वैश्विक कारकों के अलावा एक घरेलू कारक भी है, जो अभी तक बहुत असर नहीं डाल रहा है। मेरा मानना है कि डॉलर के मुकाबले रुपये में कमजोरी आ सकती है। अगर हम मान रहे हैं कि कच्चे तेल के दाम बढ़ेंगे, तो हमारे ऊपर इसका काफी असर होगा। इससे रुपया कमजोर होगा और सोने की कीमतें बढ़ेंगी। अभी तक ऐसा होता हुआ दिखा नहीं है, लेकिन ऐसा होने की काफी संभावना मुझे लग रही है।
मेरा आकलन है कि दिसंबर 2017 के अंत तक डॉलर के मुकाबले रुपये में यहाँ से 7-8% की गिरावट आना कोई बड़ी मुश्किल बात नहीं होगी। एक डॉलर की कीमत 70 रुपये के ऊपर तो बड़ी आसानी से चली जायेगी और यह 71.50-72.00 रुपये के आसपास जा सकती है।
इन सारी बातों की वजह से इस कैलेंडर वर्ष में सोने की कीमत यहाँ से 10% से 14% के दायरे में बढऩा कोई बड़ी बात नहीं होगी। सोने के लिए यह काफी बड़ी तेजी वाला साल रहेगा। यहाँ से करीब 10% बढ़त पर ही 33,000 रुपये का भाव आ जायेगा। यह उससे आगे 34,000 रुपये तक भी जा सकता है।
सोने के लिए आगे एक महत्वपूर्ण बिंदु होगा 32,000 रुपये का। पहले इसे यह मुकाम पार करना होगा। वहीं नीचे की ओर मुझे लगता है कि किसी उतार-चढ़ाव में यह 28,000 रुपये से नीचे नहीं जायेगा। कुल मिला कर अभी लाभ-जोखिम (रिस्क रेवार्ड) अनुपात 2:1 का हो जाता है, क्योंकि नीचे 2,000 रुपये तक गिरने की संभावना के मुकाबले ऊपर चढऩे की संभावना 4,000 रुपये तक की है।
अगर कच्चे तेल में गिरावट आने लगे तो सोने में तेजी की यह उम्मीद गलत हो सकती है। कच्चे तेल में गिरावट आने का एक अहम कारण यह हो सकता है कि ओपेक और गैर-ओपेक देशों का जो गठबंधन बना है, वह टूट जाये। यह एक स्वाभाविक गठबंधन नहीं है। इनके बीच में आपसी लड़ाई तो चल ही रही है। इनके अपने-अपने देशों में जो खुद की राजनीतिक विवशताएँ हैं, वे उन्हें यह गठबंधन तोडऩे के लिए मजबूर कर सकती हैं। सीरिया में सऊदी अरब एक तरफ है और रूस दूसरी तरफ। अब इन्होंने ओपेक और गैर-ओपेक का गठबंधन कर तो लिया है, पर इनके बीच परोक्ष युद्ध तो चल ही रहा है।
इसलिए अगर यह गठबंधन टूटता है तो कच्चे तेल की कीमत फिर से 40 डॉलर के पास चली जायेगी। ऐसा होने पर सोने की कीमत में भी गिरावट आयेगी।
(निवेश मंथन, मार्च 2017)

We are Social

Additionaly, you are welcome to connect with us on the following Social Media sites.

  • Like us on Facebook
  • Follow us on Twitter

Download Magzine

    Overview
  • 2016
    • July 2016
    • February 2016
  • 2014
    • January

बातचीत

© 2023 Nivesh Manthan

  • About Us
  • Blog
  • Contact Us
Go Top