राजीव रंजन झा :
पिछले अंक में मैंने लिखा था कि ‘अभी 200 एसएमए और 50 एसएमए जिस तरह से आगे बढ़ रहे हैं, उससे यह संभावना दिखती है कि जल्दी 50 एसएमए 200 एसएमए को काट कर इसके ऊपर आ जाये।
तकनीकी भाषा में इसे गोल्डेन क्रॉस कहते हैं, जो बाजार में अच्छी मजबूती आने का संकेत होता है। अगर यह गोल्डेन क्रॉस बना तो सेंसेक्स और निफ्टी जल्दी ही सितंबर 2016 के शिखर को चुनौती दे सकते हैं।' मैंने सेंसेक्स के लिए लिखा था कि 29,077 को फिर से छूने की अच्छी संभावना बन गयी है। इस उम्मीद के मुताबिक ही अभी 2 मार्च को सेंसेक्स ने 29,117 का ऊपरी स्तर छू लिया।
आज की स्थिति यह है कि सेंसेक्स और निफ्टी दोनों दैनिक चार्ट पर 50 और 200 दिनों के सिंपल मूविंग एवरेज यह सुनहरा क्रॉस बना चुके हैं। पिछले लेख में मैंने यह जिक्र किया था कि ‘जनवरी 2017 में सेंसेक्स और निफ्टी अपने 200, 100, 50 और 20 इन सभी सिंपल मूविंग एवरेज (एसएमए) स्तरों के ऊपर निकल चुके हैं। यानी न केवल छोटी अवधि, बल्कि मध्यम अवधि के लिहाज से भी बाजार कमजोरी के दौर से उबर चुका है।' यह बात पिछले महीने के दौरान साफ तौर पर घटित होती दिखी है।
बाजार के ये मुख्य सूचकांक सितंबर 2016 के शिखर को भी पार कर चुके हैं। पिछले महीने भर में बाजार की चाल जिस तरह की रही है, उससे साफ है कि नोटबंदी की प्रतिक्रिया में बाजार में आयी गिरावट के दौरान निफ्टी ने 21 नवंबर 2016 को को 7,916 पर जो तलहटी बनायी थी, वह लंबी अवधि के चार्ट पर एक ऊपरी तलहटी (हायर बॉटम) के रूप में स्थापित हो गयी है और बाजार अब शायद ही उस सहारे को तोडऩे की कोशिश करेगा।
नवंबर 2016 की तलहटी से सेंसेक्स और निफ्टी ने जो तेजी पकड़ी है, उसकी रफ्तार काफी अच्छी रही है। इस तेजी में इन प्रमुख सूचकांकों ने सितंबर 2016 के शिखर को भी पार कर लिया है। साथ ही अगर हम मार्च 2015 के ऐतिहासिक शिखर से सितंबर 2016 के शिखर को मिलाती एक रेखा खींचें, तो यह रेखा एक बाधा के रूप में मौजूद थी। अब यह बाधा पार हो चुकी है।
अब सेंसेक्स चूँकि 29,000 के ऊपर टिकने की कोशिश कर रहा है, इसलिए यह कहा जा सकता है कि अब यह 4 मार्च 2015 को बने ऐतिहासिक शिखर 30,025 के दरवाजे पर दस्तक दे रहा है। लेकिन भले ही बाजार एक लंबी अवधि की तेजी के नये दौर में प्रवेश कर चुका हो, पर जरूरी नहीं है कि सेंसेक्स 30,025 के पिछले रिकॉर्ड स्तर को आसानी से पार कर ही ले। वहाँ इसके लिए एक बड़ी तकनीकी और मनोवैज्ञानिक बाधा इंतजार कर रही है।
इसलिए हो सकता है कि आने वाले दिनों में सेंसेक्स 30,000 के कुछ करीब जाये, वहाँ यह कुछ अटके और थोड़ी मुनाफावसूली भी हो जिसस बाजार में एक हल्की गिरावट आ जाये। ऐसी किसी गिरावट में अगर सेंसेक्स और निफ्टी अपने 20 एसएमए के नीचे न फिसलें तो ज्यादा नुकसान नहीं होगा। अगर 20 एसएमए कट जाये तो जरूरत मुनाफावसूली थोड़ी बढ़ेगी। पर चिंता की स्थिति तब तक नहीं होगी, जब तक ये सूचकांक 50 एसएमए के ऊपर टिके रहेंगे।
पिछले अंक में मैंने कहा था, ‘बाजार ने देख लिया है कि नोटबंदी के चलते अर्थव्यवस्था को लगने वाला झटका सीमित ही है।' हाल में तीसरी तिमाही के जीडीपी आँकड़ों ने यही बात साबित की है। ऐसे में अगर वैश्विक मोर्चे पर कोई अप्रत्याशित घटना न हो जाये, तो भरोसे के साथ यह कहा जा सकता है कि सेंसेक्स आने वाले महीनों में फिर 30,000 के ऊपर होगा।
(निवेश मंथन, मार्च 2017)