एंटनी जैकब, सीईओ, अपोलो म्युनिख हेल्थ इंश्योरेंस
भारत की बढ़ती आबादी और लोगों की आय में हो रही लगातार बढ़ोतरी से रहन सहन में बहुत बदलाव आये हैं।
ऐसे में सेहत और सफाई के लिए रुझान बढऩे और स्वास्थ्य सेवा की बढ़ती सुविधाओं से देश में इस क्षेत्र की वृद्धि में काफी मदद मिली है। लेकिन इसका परेशानी वाला दूसरा पहलू यह है कि स्वास्थ्य सेवाओं की वृद्धि ने ही सेहत का रखरखाव महँगा कर दिया है। मिसाल के तौर पर, भारत के लोग अभी स्वास्थ्य सेवाओं पर सालाना 90 अरब डॉलर खर्च कर रहे हैं। ज्यादातर के लिए मुश्किल की बात यह है कि इलाज के लिए एक बड़ी रकम उन्हें अपनी जेब से देनी पड़ रही है।
इन हालात में स्वास्थ्य बीमा (हेल्थ इंश्योरेंस) के फायदे बताना बहुत आसान है। लेकिन सबसे अहम चीज यह है कि बहुत अच्छे स्तर की स्वास्थ्य सेवा (हेल्थकेयर) सबसे बड़ी जरूरत है। अभी दिक्कत यह है कि लोगों को स्वास्थ्य बीमा (हेल्थ इंश्योरेंस) पॉलिसी वित्त वर्ष के अंत में याद आती है, वो भी सिर्फ कर बचाने के लिए। ऐसे में लोग अक्सर बिना सोचे-समझे जल्दबाजी में स्वास्थ्य बीमा खरीद लेते हैं। जाहिर है जल्दबाजी में फैसला लेने की वजह से पॉलिसी चुनने में खास ध्यान नहीं दिया जाता।
आय कर कानून की धारा 80डी के तहत स्वास्थ्य बीमा के प्रीमियम भुगतान पर कर छूट की वजह से पिछले कुछ सालों में यह तरीका टैक्स बचाने के लिए बहुत लोकप्रिय हुआ है। इसमें आप खुद, पत्नी और 21 साल से कम के बच्चों के लिए 25,000 रुपये तक प्रीमियम देकर टैक्स बचा सकते हैं। वरिष्ठ नागरिकों के लिए यह रकम 30,000 रुपये है। अगर माँ-बाप वरिष्ठ नागरिक हैं तो अतिरिक्त 25,000 रुपये प्रीमियम देने पर भी कर छूट है और इसे अधिकतम 30,000 रुपये तक किया जा सकता है।
ताजा रिसर्च के मुताबिक टैक्स बचाने और रिटर्न भरने के लिए ज्यादातर लोग साल के आखिरी चंद महीनों में बिना सोचे-समझे हेल्थ पॉलिसी खरीदते हैं। पॉलिसी खरीदते वक्त वे भविष्य की जरूरतों पर विचार ही नहीं करते। लेकिन हेल्थ पॉलिसी इतनी जल्दबाजी में बिना सोचे समझे नहीं खरीदनी चाहिए। ध्यान रखिए इसे सिर्फ कर बचाने का एक तरीका मत मानिये। स्वास्थ्य बीमा आपकी सेहत के रखरखाव का सबसे बड़ा और उपयोगी साधन है।
सही हेल्थ इंश्योरेंस कैसे चुनें
स्वास्थ्य बीमा (हेल्थ इंश्योरेंस) खरीदने के लिए साल के अंत तक इंतजार करने के बजाय पूरी प्रक्रिया पहले से ही शुरू करें। इससे आपको पर्याप्त वक्त मिल सकेगा।
1 बाजार में मौजूद सभी हेल्थ पॉलिसी का बारीकी से अध्ययन करें। फिर अपनी जरूरतों का विश्लेषण करें। इस वक्तइतने तरह के विकल्प उपलब्ध हैं कि किसी एक को चुनना आसान नहीं है।
2 इस बात को अच्छी तरह समझ लें कि हर पॉलिसी के दायरे में क्या-क्या शामिल हैं और किन बीमारियों को शामिल नहीं किया गया है।
3 अपनी और परिवार वालों की मौजूदा सेहत, भविष्य में स्वास्थ्य सेवाओं पर बढऩे वाले खर्च और सबकी उम्र को ध्यान में रखते हुए पर्याप्त बीमा सुरक्षा लेने का विकल्प ही चुनें।
4 सबसे अहम सवाल है कितने का स्वास्थ्य बीमा लें? युवा से मध्यम उम्र के व्यक्तिको कम-से-कम तीन से पाँच लाख रुपये का बीमा लेना चाहिए। शादीशुदा व्यक्तिके लिए खुद और पत्नी या पति समेत 5-7.5 लाख रुपये का फेमिली फ्लोटर प्लान बेहतर रहेगा।
5 जरूरत की सभी पॉलिसी की सूची तैयार करने के बाद सबके नियम और शर्तें ध्यान से पढ़ लें, ताकि भविष्य में किसी भी तरह की गलतफहमी की गुंजाइश ना रहे।
6 यह भी जरूर समझ लें कि आपकी पॉलिसी में अस्पतालों का कितना बड़ा नेटवर्क उपलब्ध है। इस बात का अंदाज जरूर लगा लें कि ज्यादा अस्पतालों के साथ-साथ देश के ज्यादातर हिस्सों के अस्पताल आपकी चुनी हुई पॉलिसी के दायरे में शामिल हों।
7 मेरी सलाह है कि ऐसी स्वास्थ्य बीमा पॉलिसी चुनें, जिसमें किसी खास बीमारी या फिर खर्च की कोई सीमा नहीं हो। इससे दावे के वक्तकोई मुश्किल नहीं होगी। मुमकिन है कि ऐसी पॉलिसी कुछ महँगी हो, पर इससे ज्यादा वित्तीय जोखिम पर सुरक्षा मिलेगी और इलाज के वक्त सबसे अच्छे अस्पताल को चुनने की आजादी होगी।
8 सेहत की स्थिति के मुताबिक स्वास्थ्य बीमा में अतिरिक्तबातें जोड़ी जा सकती हैं, जैसे गंभीर बीमारी के लिए टॉप अप प्लान वगैरह।
9 हेल्थ पॉलिसी खरीदते वक्तही कई सालों वाली पॉलिसी ले सकते हैं। ऐसी पॉलिसी का प्रीमियम काफी कम होता है।
10 कम उम्र में हेल्थ पॉलिसी खरीदने से पहले एक आखिरी सलाह - उम्र बढऩे के साथ-साथ सेहत के लिए खतरे भी बढ़ते जाते हैं। बीमा कराने से पहले की बीमारियों के कवरेज के लिए आम तौर पर कम-से-कम तीन साल की प्रतीक्षा अवधि होती है। इसलिए सलाह यही है कि कम उम्र में ही पर्याप्त स्वास्थ्य बीमा ले लेना चाहिए। इसका सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि पहले की बीमारियों का खतरा बढ़ा तो भी तब तक प्रतीक्षा अवधि पूरी हो जायेगा और जरूरत के वक्त आप स्वास्थ्य बीमा का पूरा फायदा उठा पायेंगे। इन हालात में आप सबसे अच्छे अस्पताल में उचित इलाज कराने पर होने वाले ज्यादा खर्च के बड़े वित्तीय जोखिम से सुरक्षित रहेंगे।
(निवेश मंथन, फरवरी 2017)