
सातवाँ वेतन आयोग कहीं खुशी, कहीं रोष
सातवें वेतन आयोग की सिफारिशें लागू करने पर कैबिनेट ने अपनी मुहर लगा दी लगा दी है। इससे उद्योग जगत खुश है कि माँग बढ़ेगी तो केंद्रीय कनिष्ठ कर्मचारियों में रोष है कि वेतन कम बढ़ा।

एचडीएफसी लाइफ बनेगी सबसे बड़ी निजी बीमा कंपनी
भारतीय जीवन बीमा उद्योग की चौथी सबसे बड़ी निजी कंपनी मैक्स लाइफ इंश्योरेंस ने अपनी कंपनी प्रतिद्वंद्वी एचडीएफसी लाइफ के साथ विलय का फैसला किया है। यह दोहरा विलय होगा। पहले मैक्स लाइफ का विलय अपनी पितृ कंपनी मैक्स फाइनेंशियल सर्विसेज लिमिटेड (एमएफएसएल) के साथ होगा

साल भर में नया शिखर
सेंसेक्स और निफ्टी साल 2015 में बने रिकॉर्ड ऊपरी स्तरों को अगले 12 महीनों में पार कर सकते हैं। मगर बाजार की उम्मीदें ज्यादा बढ़ी-चढ़ी नहीं हैं। हमारे सहयोगी समाचार पोर्टल शेयर मंथन (sharemanthan.in) की ओर से भारतीय शेयर बाजार के दिग्गजों के सबसे बड़े सर्वेक्षण में जून 2017 तक बाजार में 10.4-12.0% की वृद्धि के औसत अनुमान आये हैं।
यूरोप का संकट : असर अमेरिका, एशिया पर भी
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- Category: सितंबर 2011
बंदीप सिंह रांगर, चेयरमैन, इंडसव्यू :
अगर हम विश्व अर्थव्यवस्था को आज देखें तो केवल कुछ हफ्ते पहले की तुलना में भी यह काफी बुरी हालत में दिख रही है। इन गर्मियों में दुनिया भर के शेयर बाजारों में 15% से ज्यादा की गिरावट आ गयी। अमेरिका और यूरोप दोनों में आर्थिक विकास दर काफी तीखे ढंग से घटी है।
फिर मंदी के बादल : क्या बेड़ा पार लगायेगा आपका म्यूचुअल फंड
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- Category: सितंबर 2011
अचानक ही लोगों के मन में 2008 की यादें ताजा हो रही हैं, जब शायद ही किसी म्यूचुअल फंड की एनएवी गहरी डुबकियाँ लगाने से बच पायी हो। ऐसे में म्यूचुअल फंड के निवेशकों के मन में एक साथ डर और लालच दोनों तरह के भाव पैदा होते हैं।
हम बुनियादी ढंग से सस्ते शेयर चुन रहे हैं
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- Category: सितंबर 2011
गोपाल अग्रवाल, सीआईओ, मिरै एसेट ग्लोबल इन्वेस्टमेंट्स (इंडिया) :
विश्व की अर्थव्यवस्था में कर्ज संकट के चलते इस समय भारतीय बाजार में काफी गिरावट आयी है। अंतरराष्ट्रीय निवेशक विश्व अर्थव्यवस्था के बारे में चिंताओं की वजह से शेयर बाजार से बाहर निकल रहे हैं। उनके पोर्टफोलिओ में भारत का हिस्सा काफी छोटा रहता है। और हम सब जानते हैं कि भारतीय बाजार में जो तरलता (लिक्विडिटी) आती है, वह विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) का निवेश आने की वजह से ही होती है।
अगले तीन सालों में इक्विटी में ही फायदा
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- Category: सितंबर 2011
डेविड पेजारकर, इक्विटी प्रमुख, दाइवा एएमसी :
इस समय निवेशकों को अपना पैसा तो बिल्कुल ही नहीं निकालना चाहिए। बाजार 20% से ज्यादा की गिरावट के बाद जिस तरह के मूल्यांकन पर आ चुका है, वहाँ बेचना तो कतई समझदारी नहीं होगी। कोई मेरी बात को कुछ इस तरह तरह भी देख सकता है कि एक फंड मैनेजर कभी म्यूचुअल फंड से पैसा निकालने की बात तो कह ही नहीं सकता। लेकिन आप केवल इस साल की गिरावट को न देखें।
और गिरावट के इंतजार में बस छूट जाती है
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- Category: सितंबर 2011
अनिल चोपड़ा, सीईओ, बजाज कैपिटल :
बाजार में गिरावट आयी है इसलिए निवेश करना चाहिए, ऐसा सोचना गलत है। या फिर बाजार नीचे गिर रहा है, इसलिए इसमें से निकल जाना चाहिए, यह सोचना भी गलत है। म्यूचुअल फंड संपत्ति बनाने का एक जरिया है, बशर्ते आपका कोई लंबी अवधि का लक्ष्य हो।
नजर बैलेंस शीट, प्रबंधन और ब्रांड पर
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- Category: सितंबर 2011
स्वाति कुलकर्णी, फंड मैनेजर, यूटीआई म्यूचुअल फंड :
अभी विश्व अर्थव्यवस्था में सामान्य से कम दर से विकास हो रहा है। वैश्विक अर्थव्यवस्था को लेकर काफी चिंता है, खास कर अमेरिका और यूरोप को लेकर। ऐसे माहौल में मौजूदा मूल्यांकन पर भारतीय बाजार तुलनात्मक रूप से आकर्षक लग रहा है।
निफ्टी अगले दो महीनों में 5400 पर?
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- Category: सितंबर 2011
राजीव रंजन झा :
निवेश मंथन के अगस्त अंक में मैंने लिखा था कि खतरे का निशान तो 5178 पर ही है। मैंने कहा था, ‘अगर यह 6339-5178 की 23.6% वापसी के स्तर 5452 को तोड़ कर नीचे आने लगे तो यह कमजोरी बढऩे का साफ संकेत होगा। वैसी हालत में 5178 अगला स्वाभाविक लक्ष्य तो होगा ही, और उसके नीचे चले जाने पर भी कोई आश्चर्य नहीं होगा।‘
गिरावट में खरीदें रिलायंस का शेयर
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- Category: सितंबर 2011
आपके सवाल, पी.एन. विजय के जवाब
मैं ऑर्किड केमिकल्स के शेयर में फंस गयी हूँ। यह बुनियादी रूप से कैसा शेयर है।- आँचल मिश्र (ईमेल)
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