राजीव रंजन झा :
जनवरी 2013 के अंतिम हफ्ते में भारतीय शेयर बाजार का उत्साह हल्का होता दिखा और फरवरी के शुरुआती कारोबार में यह साफ तौर पर कमजोर होता दिख रहा है।
लेकिन क्या यह मान लिया जाये कि कम-से-कम छोटी अवधि के लिए बाजार ने अपनी दिशा बदल ली है? आम तौर पर छोटी अवधि की दिशा को समझने में 10 और 20 दिनों के सिंपल मूविंग एवरेज (एसएमए) बड़े काम आते हैं, जबकि 50 दिनों का एसएमए मध्यम अवधि की दिशा का संकेत देता है।
फिलहाल, आठ फरवरी को बाजार बंद होने के बाद यह दिख रहा है कि निफ्टी अपने इन सभी स्तरों से नीचे फिसल चुका है। अभी इसका 10 एसएमए 5996 पर और 20 एसएमए 6021 पर है। निफ्टी फरवरी की शुरुआत से ही इन दोनों संकेतकों के नीचे आ चुका है। इसके बाद 7 फरवरी से निफ्टी 50 एसएमए को भी काट कर इसके नीचे आ चुका है। यह 8 फरवरी को 5904 पर बंद हुआ, जो 50 एसएमए के मौजूदा स्तर 5960 से ठीक-ठाक नीचे है।
जनवरी के अंत और फरवरी की शुरुआत में अचानक बाजार में कुछ डर का माहौल भी बना है। हाल में बड़ी संख्या में मँझोले शेयर मंदडिय़ा बिकवाली की चपेट में आये, जिसे कई जानकारों ने बाजार के लिए खतरनाक संकेत माना। एक नजरिया यह उभर रहा है कि हाल में हमने 29 जनवरी 2013 को 6112 का जो ऊपरी स्तर देखा, वह छोटी अवधि का एक शिखर है, जहाँ से बाजार पलट गया है।
माना जा सकता है कि 6112 पर छोटी अवधि का एक शिखर बना है। लेकिन इस शिखर से निफ्टी की वापसी कितनी गहरी होगी? यह आठ फरवरी को 5884 तक फिसला और 5904 पर बंद हुआ। यह नवंबर 2012 की तलहटी 5548 से 6112 के ताजा शिखर की 23.6% वापसी का स्तर 5979 तोड़ कर 38.2% वापसी यानी 5897 को छू चुका है (चार्ट 1)। अगर यह इसके नीचे फिसला तो इस संरचना में 50% वापसी यानी 5831 और 61.8% वापसी यानी 5763 इसके अगले पड़ाव होंगे।
साथ ही ध्यान रखें कि निफ्टी ने हाल में 11 जनवरी को बनी तलहटी 5941 को काट दिया है। इस तरह छोटी अवधि के चार्ट पर लगातार ऊपरी तलहटी बनने का क्रम टूटा है, जो कमजोरी का संकेत है। लेकिन हमें भूलना नहीं चाहिए कि अभी निफ्टी जिन स्तरों पर है, वहाँ कदम-कदम पर इसके लिए छोटे-बड़े समर्थन स्तर मौजूद हैं। इसलिए हमें 5549-6112 की उछाल की संरचना पर लगातार नजर रखनी चाहिए। अगर यह वापस सँभल कर 5979 के ऊपर टिकता नजर आये और साथ ही यह 10 एसएमए और 20 एसएमए के ऊपर लौट आये, तो इसे छोटी अवधि की कमजोरी से उबरने का पहला संकेत मानना चाहिए। वहीं अगर यह 6112 के ऊपर निकल जाये तो इसका मतलब यह होगा कि इसने छोटी अवधि में फिर से ऊपर चढऩे की कोशिश शुरू कर दी है।
लेकिन ज्यादातर संकेत अभी नकारात्मक ही हैं। निफ्टी न केवल 50 दिनों के एसएमए 5960 से नीचे आया है, बल्कि यह मई-जून 2012 से चल रही चढ़ती पट्टी (राइजिंग चैनल) से भी नीचे फिसलता दिख रहा है। अगर निफ्टी 5900 से नीचे फिसलने लगा तो यह साफ तौर पर मई-जून 2012 से अब तक की चढ़ती पट्टी से नीचे फिसल जायेगा (देखें चार्ट 2)। इससे भी मध्यम अवधि में कमजोरी का संकेत मिलेगा।
लेकिन अगर निफ्टी 5900 के आसपास सहारा लेकर वापस सँभल जाये तो हमें इस छोटी पट्टी की निचली रेखा को छू कर ऊपरी रेखा की ओर बढऩे की संभावना पर नजर रखनी होगी। ध्यान रखें कि इस छोटी पट्टी की ऊपरी रेखा फरवरी 2013 के अंत में 6400 के ऊपर होगी।
इससे ज्यादा लंबी अवधि के चार्ट को देखें तो अगस्त 2011 से चल रही बड़ी पट्टी पर नजर जाती है। इसकी ऊपरी रेखा अक्टूबर 2011 और फरवरी 2012 के शिखरों को मिलाती है और निचली रेखा दिसंबर 2011 और मई-जून 2012 की तलहटियों को छूती है। दरअसल मध्यम अवधि की जिस छोटी पट्टी में निफ्टी मई-जून 2012 से अब तक चलता रहा है, वह इसी बड़ी पट्टी की निचली रेखा से ऊपरी रेखा तक जाने की कोशिश का नतीजा है।
इसलिए अगर निफ्टी इस छोटी पट्टी में चलता रहा तो इसके साथ-साथ यह बड़ी पट्टी की ऊपरी रेखा तक जा सकेगा। यह ऊपरी रेखा फरवरी 2013 के अंत में 6350 के ऊपर होगी, यानी जनवरी 2008 के ऐतिहासिक शिखर के पास।
लेकिन अगर यह इस छोटी पट्टी से फिसल गया तो निफ्टी अपना लक्ष्य अधूरा छोड़ कर बड़ी पट्टी की निचली रेखा की ओर फिसल सकता है। यह स्थिति बाजार के लिए बड़ी खतरनाक हो सकती है, क्योंकि यह निचली रेखा फरवरी के अंत में 5400 के पास और मार्च के अंत में करीब 5470 के पास होगी। दरअसल 50 एसएमए के नीचे फिसल जाने के बाद यह आशंका बनती है कि कहीं यह 200 एसएमए को छूने की ओर बढ़े। अभी निफ्टी का 200 एसएमए 5491 पर है।
पिछले अंक में मैंने जनवरी 2008 के ऐतिहासिक शिखर 6357 से अक्टूबर 2008 की तलहटी 2253 तक गिरावट की वापसी वाली संरचना का भी जिक्र किया था। इस संरचना में निफ्टी जब तक 80% वापसी के स्तर 5536 के ऊपर बरकरार है, तब तक 100% वापसी करने यानी 6357 तक चढऩे की उम्मीद भी कायम है। लेकिन ऐसी बड़ी संरचना (देखें चार्ट 3) में यह भी मुमकिन है कि 80% का स्तर पार करने के बाद निफ्टी एक सीध में 100% वापसी तक न जाये। संभव है कि यह पहले एक छोटा शिखर बनाने के बाद 80% वापसी के स्तर यानी 5536 के आसपास या इससे पहले कहीं भी एक छोटी तलहटी बनाये और उसके बाद नयी ऊर्जा के साथ 6357 की ओर बढ़े।
यानी ऊपर बतायी गयी बड़ी पट्टी की निचली रेखा, 200 एसएमए और 6357-2253 की संरचना में 80% वापसी, इन सबको ध्यान में रखने पर 5400-5500 के आसपास तक फिसलने की संभावना नजर आती है।
इसी तरह अगर हम नवंबर 2010 के शिखर 6339 से दिसंबर 2011 की तलहटी 4531 तक की गिरावट की संरचना देखें (चार्ट ४) तो इसमें 80% वापसी का स्तर 5978 पर है, जो टूट चुका है। इस संरचना में अब अगला सहारा 61.8% वापसी यानी 5648 और उसके बाद 50% वापसी यानी 5435 पर होगा। ध्यान रखें कि निफ्टी ने सितंबर 2012 में 5447-5527 के बीच एक तेज अंतराल (बुलिश गैप) बनाया था। इसलिए संभव है कि निफ्टी इस अंतराल को भरने का अधूरा काम पूरा करने के लिए भी करीब 5400 तक लौट सकता है।
लेकिन इससे भी कहीं ज्यादा खतरनाक संकेत एक नयी गिरती पट्टी की संभावना से बनता है, जिसका जिक्र मैंने पिछले अंक में भी किया था। इस नयी पट्टी की निचली रेखा मई 2010 की तलहटी 4786 और दिसंबर 2011 की तलहटी 4531 को, जबकि ऊपरी रेखा नवंबर 2010 के शिखर 6339 और अभी दिसंबर 2012 के शिखर 5965 को मिलाती है। लेकिन मैंने लिखा था कि ‘अगर निफ्टी को इस पट्टी के हिसाब से चलना है, तो फिर अगले 2-4 हफ्तों में इसे 6339-5965 को मिलाती ऊपरी रेखा को पार नहीं करना चाहिए। अगर पार करे भी तो इससे ज्यादा ऊपर नहीं जाना चाहिए और कुछ छकाते हुए वापस पलट कर इसके नीचे आ जाना चाहिए।‘ ताजा स्थिति देखने पर इस पट्टी को लेकर असमंजस बरकरार है। इसे न तो अभी माना जा सकता है, न ही इसे नकारा जा सकता है। अगर निफ्टी 6339-5965 को मिलाती रुझान रेखा के नीचे पक्के तौर पर आ जाये, तब इस पट्टी के अंदर चलने की संभावना ज्यादा होगी। संयोग से अभी यह रुझान रेखा 5940 के आसपास ही है, जो कई अन्य तरीकों से भी काफी महत्वपूर्ण स्तर बन चुका है।
इस पट्टी के अंदर फँसने की संभावना खतरनाक होगी, क्योंकि इस नयी पट्टी के हिसाब से निफ्टी 6339 से 4531 तक की गिरावट को दोहराने और पट्टी की निचली रेखा को छूने की कोशिश करेगा। ऐसी गिरावट इसे वापस करीब 4100-4200 तक लुढ़का सकती है। लेकिन ऐसी खतरनाक संभावना की पुष्टि 5500 टूटने पर ही होगी। नवंबर 2012 में बनी ऊपरी तलहटी 5548 टूटने पर ही लंबी अवधि के चार्ट पर ऊपरी तलहटी की संरचना कटेगी। साथ ही 6357-2253 की गिरावट (चार्ट 3) की वापसी में 80% का स्तर 5536 पर ही है, लिहाजा इसके कटने के बाद ही 61.8% वापसी के अगले स्तर यानी लगभग 4800 और फिर 50% वापसी यानी लगभग 4300 की बात हो सकती है।
लेकिन 5400-5500 और उसके नीचे के स्तरों की बात करते समय 5800 के आसपास सहारा मिलने की संभावना को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। दरअसल दैनिक चार्ट पर भले ही निफ्टी की स्थिति बड़ी कमजोर लगने लगी हो, लेकिन साप्ताहिक चार्ट पर तस्वीर कुछ अलग है। साप्ताहिक चार्ट में निफ्टी ने अभी केवल 10 एसएमए को काटा है, जबकि इससे नीचे 20 एसएमए अभी 5825 पर सहारा देने के लिए मौजूद है। इसके अलावा निफ्टी के दैनिक चार्ट पर 100 एसएमए भी 5800 के कुछ ऊपर है। वैसे तो 100 एसएमए पर मेरा ध्यान कम रहता है, लेकिन इसे एकदम से नजरअंदाज भी नहीं किया जा सकता।
हालाँकि साप्ताहिक चार्ट पर भी 20 एसएमए अगर कटा तो इसके नीचे 50 एसएमए का अगला सहारा सीधे 5469 पर जाकर है, जबकि 200 एसएमए और भी नीचे 5249 पर है। इस लिहाज से भी कहा जा सकता है कि 5800 का स्तर टूटने पर करीब 5400 तक फिसलने की गुंजाइश बन जायेगी।
अगर निफ्टी 5800 तक फिसला तो यह 6112 के ताजा शिखर की तुलना में 5% से भी ज्यादा नीचे होगा। मगर इन सारी तकनीकी आशंकाओं के बीच एक बात बाजार को लेकर कुछ उम्मीद जगाती है। अब तक विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) की खरीदारी का रुझान नहीं बदला है। उनकी ओर से हर दिन कभी 500-700 करोड़ रुपये तो कभी 1000 करोड़ रुपये से ज्यादा की शुद्ध खरीदारी हो रही है। बेशक उनके विपरीत घरेलू संस्थाओं की बिकवाली भी हो रही है, लेकिन मोटे तौर पर यह कहा जा सकता है कि जब तक एफआईआई की बड़े स्तर पर खरीदारी जारी है, तब तक बाजार एक हद से ज्यादा नहीं टूट सकता है।
संक्षेप में यही कहा जा सकता है कि फिलहाल निफ्टी को 5800 के आसपास सहारा मिलने की उम्मीद रखी जा सकती है, लेकिन यह सहारा टूटने पर पहले करीब 5650 और उसके बाद 5500-5400 के आसपास तक फिसलने की संभावना बनेगी। दूसरी ओर निफ्टी में तेजी की चाल लौटने का पहला संकेत तभी मिलेगा जब यह 10 और 20 दिनों के सिंपल मूविंग एवरेज के ऊपर लौट आये। इसके बाद 6112 का ताजा शिखर पार होने पर तेजी लौटने की पुष्टि हो सकेगी।
(निवेश मंथन, फरवरी 2013)