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- Category: अक्तूबर 2011
अगर किसी ने अब तक 2500 करोड़ डॉलर से ज्यादा के विलय-अधिग्रहण और पूँजी जुटाने के सौदे कराये हों, तो उसके लिए 20 करोड़ डॉलर का सौदा कितना खास होगा? शायद एक छोटा सौदा, कुछ खास नहीं। सुमंत सिन्हा ने भले ही आदित्य बिड़ला समूह के सीएफओ के रूप में नोवेलिस की खरीद के लिए 600 करोड़ डॉलर का सौदा किया हो, लेकिन उससे बेहद छोटा, केवल 20 करोड़ डॉलर यानी लगभग 1000 करोड़ रुपये का एक ताजा सौदा उनके लिए बेहद खास है।
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- Category: अक्तूबर 2011
स्कोडा ऑटो इंडिया ने अपनी कार लॉरा का नया रूप बाजार में उतारा है। लॉरा आरएस में 1.8 लीटर पेट्रोल इंजन है। दावा है कि यह 13.4 किलोमीटर प्रति लीटर चलेगी। दिल्ली में इसकी शोरूम कीमत 15.49 लाख रुपये है। कंपनी का कहना है कि उसने यह नया रूप लॉरा के प्रशंसकों के लिए पेश किया है, इसलिए उसे बिक्री के लिहाज से ज्यादा अपेक्षाएँ नहीं हैं।
सैमसंग ने पेश किए तीन थ्री जी हैंडसेट
सैमसंग ने तीन थ्रीजी मोबाइल हैंडसेट बाजार में लांच किए हैं। कंपनी के चैंप 3.5 जी हैंडसेट पेश किया है। इसकी कीमत 5,590 रुपये है। इसमें 7.5 सेमी टच स्क्रीन, 2 मेगापिक्सल कैमरा और 30 एमबी इंटरनल मेमोरी है, जिसे बढ़ाकर 16 जीबी तक किया जा सकता है। इसके अलावा 5,930 रुपये की कीमत वाला चैट 527 हैंडसेट और 6,590 रुपये की कीमत वाला प्राइमो हैंडसेट बाजार में उतारा है। ये हैंडसेट टच, क्वर्टी और बार टाइप फॉर्मेट वाले हैं।
टोयोटा का इटियॉस सेडान व लिवा का डीजल संस्करण लांच
जापान की वाहन निर्माता कंपनी टोयोटा ने इटियॉस सेडान तथा इटियॉस लिवा का डीजल संस्करण भारतीय बाजार में पेश किया है। दोनों डीजल संस्करणों में 1.4 लीटर का इंजन लगा है। कंपनी का दावा है कि ये कार एक लीटर डीजल में 23.59 किलोमीटर तक दौड़ेगी। दिल्ली में एक्स शोरूम इटियॉस सेडान डीजल कार का दाम 6.44 लाख रुपये से 7.87 लाख रुपये है। इसी तरह इटियॉस लिवा डीजल संस्करण का दाम 5.54 लाख रुपये से 5.89 लाख रुपये के बीच है।
ब्लैकबेरी टार्च 9860 स्मार्टफोन लांच
कनाडा की कंपनी रिसर्च इन मोशन (रिम) ने ब्लैकबेरी टार्च 9860 स्मार्टफोन भारतीय बाजार में पेश किया है। इस स्मार्टफोन में नयी ब्लैकबेरी 7 ऑपरेटिंग प्रणाली लगी है। इसमें 3.7 इंच का टचस्क्रीन के साथ इस स्मार्टफोन में लिक्विड ग्राफिक्स टेक्नोलॉजी की सुविधा भी उपलब्ध है। इसमें 5 मेगापिक्सल का कैमरा और 4 जीबी इंटरनल मेमोरी है इसमें हाई परफार्मेंस ग्राफिक्स सहित फास्ट सीपीयू है। इसकी कीमत 28,490 रुपये है।
सलोरा का मल्टी ऑपरेटर डेटा कार्ड
सलोरा इंटरनेशनल ने मल्टी ऑपरेटर थ्रीजी डेटा कार्ड सेलोरा जैपर को बाजार में उतारा है। यह डेटा कार्ड किसी भी जीएसएम मोबाइल सेवा प्रदाता कंपनी के कनेक्शन के प्रयोग किया जा सकता है।
इस डेटा कार्ड के जरिए ग्राहक किसी भी कंपनी के सिम कार्ड का इस्तेमाल करते हुए 3.6 एमबीपीएस स्पीड पर वीडियो डाउनलोड करने के साथ चैटिंग भी कर सकता है। डेटा कार्ड की मेमोरी 32 जीबी है। यह कार्ड विडोंज 7, एक्सपी, विस्टा, एसपी2, मैक्स ओएसएक्स जैसे ऑपरेटिंग सिस्टम्स पर प्रयोग में लाया जा सकता है।
स्टार सिटी का लिमिटेड एडीशन पेश
दोपहिया वाहन निर्माता कंपनी टीवीएस मोटर ने अपनी बाइक स्टार सिटी का लिमिटेड एडीशन बाजार में पेश किया है। इस पर भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान महेंद्र सिंह धोनी के हस्ताक्षर हैं। नये ग्राफिक्स और रंगों के साथ इस बाइक पर पाँच साल की वारंटी भी मिल रही है। इसे त्योहारी मौसम में नये विज्ञापन के साथ लांच किया जा रहा है। इस विज्ञापन में धोनी और उनकी पत्नी साक्षी एक साथ नजर आयेंगे।
(निवेश मंथन, अक्तूबर 2011)
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- Category: अगस्त 2011
आखिर निवेशकों के हितों की हमेशा दुहाई देने वाले भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) का अपना खर्च निवेशकों की शिक्षा पर कितना होता है? एक व्यक्ति ने सूचना के अधिकार का इस्तेमाल करके सेबी से यह जानकारी मांगी।
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- Category: सितंबर 2011
राजेश रपरिया, सलाहकार संपादक :
साख का आकलन करने की विश्व की तीन प्रमुख एजेंसियों में एक स्टैंडर्ड एंड पुअर्स के अमेरिका के क्रेडिट रेटिंग एएए से एए प्लस करते ही दुनिया भर के बाजारों में भूकंप आ गया। अमेरिका में 2008 के सबप्राइम संकट के बाद एक बार फिर वैश्विक अर्थव्यवस्था पर अनिश्चितता और मंदी का साया गहराने लगा है। नतीजतन दुनिया की बहुत बड़ी आबादी के सामने बेरोजगारी और भुखमरी के हालात पैदा हो गये हैं। तमाम देशों के आर्थिक विकास पर मंदी का शिकंजा कसता जा रहा है। भारत का आर्थिक परिदृश्य भी इससे ज्यादा अलग नहीं है।
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- Category: सितंबर 2011
सुशांत शेखर :
भारतीय रिजर्व बैंक ने नये बैंक लाइसेंस पर दिशानिर्देशों का मसौदा जारी करके कुछ नये बैंक खुलने का रास्ता साफ कर दिया है। लेकिन इस मसौदे में ऐसे कई प्रस्ताव हैं जो लाइसेंस के दावेदारों को ठीक नहीं लग रहे हैं।
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- Category: सितंबर 2011
आर.आर.वर्मा :
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने जुलाई महीने में जब अपनी ब्याज दरें लगातार ग्यारहवीं बार बढ़ाने की घोषणा की तो उद्योग जगत में इसकी तीव्र आलोचना हुई थी। बहुत से जानकारों ने ऊँची ब्याज दरों का असर आर्थिक विकास दर पर होने की आशंका जतायी थी। चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही के नतीजे सामने आने पर यह आशंका सही साबित हुई।
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- Category: सितंबर 2011
सुशांत शेखर :
अंतरराष्ट्रीय रेटिंग एजेंसी स्टैंडर्ड एंड पुअर्स ने छह अगस्त को अमेरिका की रेटिंग एएए से घटा कर एए प्लस क्या की, दुनिया भर के शेयर बाजारों में गिरावट की सुनामी आ गयी। इसी के साथ दुनिया भर में विश्लेषकों के बीच यह बहस चल पड़ी कि क्या विश्व अर्थव्यवस्था एक बार फिर मंदी की गर्त में समाने वाली है?
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- Category: सितंबर 2011
आर.आर. वर्मा :
अंतरराष्ट्रीय रेटिंग एजेंसी स्टैंडर्ड एंड पुअर्स (एसएंडपी) ने जब दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था की एएए रेटिंग को घटा कर एए प्लस करने का जो फैसला किया, उससे अचानक ही देशों की रेटिंग (साख) पर जबरदस्त चर्चा छिड़ गयी। आखिर अमेरिका की रेटिंग में कमी की नौबत क्यों आयी और इसका मतलब क्या है?
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- Category: सितंबर 2011
देवेन शर्मा :
अगर यह कहा जाये कि झारखंड की जमीन से जुड़ी दो शख्सियतों ने हाल में पूरी दुनिया को दांतों तले अंगुली दबाने पर मजबूर कर दिया तो कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी। दोनों अलग-अलग क्षेत्रों के माहिर हैं। एक क्रिकेट में तो दूसरा अर्थ जगत में।
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- Category: सितंबर 2011
बंदीप सिंह रांगर, चेयरमैन, इंडसव्यू :
अगर हम विश्व अर्थव्यवस्था को आज देखें तो केवल कुछ हफ्ते पहले की तुलना में भी यह काफी बुरी हालत में दिख रही है। इन गर्मियों में दुनिया भर के शेयर बाजारों में 15% से ज्यादा की गिरावट आ गयी। अमेरिका और यूरोप दोनों में आर्थिक विकास दर काफी तीखे ढंग से घटी है।
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- Category: सितंबर 2011
अचानक ही लोगों के मन में 2008 की यादें ताजा हो रही हैं, जब शायद ही किसी म्यूचुअल फंड की एनएवी गहरी डुबकियाँ लगाने से बच पायी हो। ऐसे में म्यूचुअल फंड के निवेशकों के मन में एक साथ डर और लालच दोनों तरह के भाव पैदा होते हैं।
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- Category: सितंबर 2011
गोपाल अग्रवाल, सीआईओ, मिरै एसेट ग्लोबल इन्वेस्टमेंट्स (इंडिया) :
विश्व की अर्थव्यवस्था में कर्ज संकट के चलते इस समय भारतीय बाजार में काफी गिरावट आयी है। अंतरराष्ट्रीय निवेशक विश्व अर्थव्यवस्था के बारे में चिंताओं की वजह से शेयर बाजार से बाहर निकल रहे हैं। उनके पोर्टफोलिओ में भारत का हिस्सा काफी छोटा रहता है। और हम सब जानते हैं कि भारतीय बाजार में जो तरलता (लिक्विडिटी) आती है, वह विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) का निवेश आने की वजह से ही होती है।
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